आजमगढ़ अहरौला फर्जी दस्तावेजों से नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई, पुलिस ने लोगों से की यह अपील
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक संगठित अपराधी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जाली दस्तावेजों के जरिए नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठग रहा था। इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। पुलिस के अनुसार, गिरोह का सरगना शशिकांत पाण्डेय उर्फ सोनू (निवासी आतापट्टी भीमलपट्टी, अहरौला) था। अन्य सदस्यों में दिनेश कुमार पाण्डेय (गहजी, अहरौला, हाल पता लखनऊ), मंजू पाण्डेय (शशिकांत की पत्नी), अमन पाण्डेय, विकास पाण्डेय (दोनों आतापट्टी भीमलपट्टी), और मानधाता पाण्डेय (देवखरी विजौरा कॉलोनी, कंधरापुर) शामिल हैं। यह गिरोह जाली दस्तावेज तैयार कर उन्हें असली के रूप में पेश करता था और नौकरी का लालच देकर लोगों से मोटी रकम वसूलता था। इसकी गतिविधियों ने जिले में लोक व्यवस्था को प्रभावित किया और लोग डर के कारण शिकायत करने से कतराते थे।
पुलिस के अनुसार अहरौला थाने में गिरोह के खिलाफ 15 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और कुछ मामलों में अपमान व धमकी की धाराएं शामिल हैं। इन मामलों में आरोप पत्र 6 और 7 अगस्त 2024 को अदालत में दाखिल किए गए, जो वर्तमान में विचाराधीन हैं।
पुलिस ने 16 फरवरी 2025 को गैंगचार्ट तैयार कर पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट को भेजा था, जिसे 15 अप्रैल 2025 को संयुक्त बैठक में अनुमोदित किया गया। इसके आधार पर गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट 1986 की धारा 2(ख)(1)/3(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम, जिसमें कांस्टेबल प्रशांत कुमार, मुकेश वर्मा, महिला कांस्टेबल बंदना सिंह, और चालक झब्बू शामिल थे, ने ग्राम आलमपुर में गश्त के दौरान स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर इस गिरोह का खुलासा किया। पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस गिरोह के बारे में कोई भी जानकारी नजदीकी थाने में साझा करें। साथ ही, गवाहों की सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।
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