Friday, 20 June 2025

बरेली 10 हजार रुपये रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से थाने में मच गई खलबली


 बरेली 10 हजार रुपये रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार



एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से थाने में मच गई खलबली



उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को फरीदपुर थाने के दरोगा सुनील कुमार वर्मा को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने एक मुकदमे में भगवंतापुर निवासी रेहान अंसारी से रिश्वत मांगी थी। आरोपी दरोगा के खिलाफ थाना कोतवाली बरेली में मुकदमा दर्ज किया गया है।


 फरीदपुर थाना क्षेत्र के भगवंतापुर निवासी रेहान अंसारी ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि दरोगा ने थाने में दर्ज एक मुकदमे की विवेचना में आरोपियों को फायदा पहुंचाने व मुकदमे को हल्का कर खत्म करने की धमकी देकर उनसे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। इस शिकायत के बाद ट्रैप टीम प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल के नेतृत्व में दरोगा को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई गई।


 दरोगा के कहने पर शुक्रवार दोपहर रेहान रिश्वत की रकम लेकर थाने पहुंचा। इससे पहले ट्रैप टीम को सूचित कर दिया। कोतवाली फरीदपुर परिसर में पीपल के पेड़ के नीचे से दरोगा ने रेहान से जैसे ही रिश्वत ली, वैसे ही वहां मौजूद एंटी करप्शन टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से थाने में खलबली मच गई। टीम आरोपी दरोगा को पकड़कर थाना कोतवाली बरेली आई। कोतवाली में दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी दरोगा सुनील कुमार वर्मा बिजनौर का रहने वाला है। फरीदपुर थाने में उनकी तैनाती थी।

आजमगढ़ विपक्षी सरकारों की डी-कंपनी और दाऊद गिरोह से थी साझेदारी : सीएम योगी अजीत राय की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसा दुस्साहस कोई नहीं कर सकता डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से एक्सप्रेसवे प्रदेश में बदल दिया : सीएम


 आजमगढ़ विपक्षी सरकारों की डी-कंपनी और दाऊद गिरोह से थी साझेदारी : सीएम योगी

अजीत राय की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसा दुस्साहस कोई नहीं कर सकता

डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से एक्सप्रेसवे प्रदेश में बदल दिया : सीएम


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आजमगढ़ में 91.352 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य लोकार्पण किया। ₹7,283 करोड़ की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रतीक बना है। सीएम योगी ने फीता काटकर इसे जनता को समर्पित किया और अपने काफिले के साथ गोरखपुर के लिए रवाना हुए। इससे पहले, सलारपुर, फूलपुर में आयोजित जनसभा में उन्होंने आजमगढ़ की बदलती पहचान और डबल इंजन सरकार के प्रयासों की सराहना की।

सीएम योगी ने कहा कि पहले आजमगढ़ पहचान के संकट से जूझता था, लेकिन अब यह अदम्य साहस और विकास का गढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से एक्सप्रेसवे प्रदेश में बदल दिया है। यह लिंक एक्सप्रेसवे आजमगढ़, अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर को विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे पटना से दिल्ली तक की यात्रा आसान होगी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सड़कों पर गड्ढे थे, और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास तो हुआ था, लेकिन जमीन तक नहीं खरीदी गई थी। डबल इंजन सरकार ने इसे ₹11,800 करोड़ में 120 मीटर चौड़ा बनाकर पूरा किया।

सीएम योगी ने विपक्षी सरकारों पर डी-कंपनी और दाऊद गिरोह से साझेदारी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आजमगढ़ को आतंक का गढ़ बनाया था। उन्होंने 2007-08 में शिवली नेशनल कॉलेज में अजीत राय की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसा दुस्साहस कोई नहीं कर सकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का उदाहरण देते हुए कहा कि अब सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के लिए "यमराज का टिकट" तैयार रहता है। सीएम ने महाकुंभ, अयोध्या, काशी, और विंध्यवासिनी धाम जैसे धार्मिक स्थलों के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज संस्कृति की पहचान को मजबूत कर रहे हैं।

सीएम ने 60,244 पुलिस भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना भेदभाव के हर जाति-संप्रदाय के युवाओं को, जिसमें 12,045 बेटियां शामिल हैं, नौकरी मिल रही है। उन्होंने एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की योजना का जिक्र किया, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। सीएम ने कहा कि आजमगढ़ की साड़ी, ब्लैक पॉटरी, और हरिहरपुर के संगीत घराने को नई पहचान मिली है। उन्होंने 16 एयरपोर्ट और फोरलेन कनेक्टिविटी का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब नई ऊंचाइयों पर है।

लोकार्पण के दौरान सीएम ने एक्सप्रेसवे निर्माण से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में चंद्रशेखर गोस्वामी के गीत ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अनिल राजभर, दारा सिंह चौहान, नंद गोपाल नंदी, गिरीश चंद्र यादव, पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ, नीलम सोनकर सहित कई विधायक और अधिकारी मौजूद रहे।

आजमगढ़ में बोले सीएम योगी, आतंक का नहीं साहस का गढ़ है सीएम योगी ने किया गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण, कहा बह रही है विकास की गंगा


 आजमगढ़ में बोले सीएम योगी, आतंक का नहीं साहस का गढ़ है



सीएम योगी ने किया गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण, कहा बह रही है विकास की गंगा


आजमगढ़  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज आजमगढ़ जिले के विकास खण्ड पवई के सलारपुर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने उनका स्वागत किया। लोकार्पण के बाद सीएम ने जनसभा को संबोधित किया, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका अभिनंदन किया।


सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि 1857 की क्रांति में वीर कुंवर सिंह ने जो आजादी की लड़ाई लड़ी, यदि तब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और रोड कनेक्टिविटी होती, तो आजमगढ़ सहित पूरा देश पहले ही आजाद हो गया होता। आजमगढ़ आतंक का नहीं साहस का गढ़ है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जाति के नाम पर राजनीति करने वाले पूर्वांचल में केवल वोट मांगने आते थे, लेकिन आज प्रयागराज से सोनभद्र तक गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से विकास की गंगा बह रही है।


गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है, जो गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ जैसे चार जिलों से होकर गुजरता है। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है। इस परियोजना की कुल लागत 7283.28 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है।


एक्सप्रेसवे का निर्माण दो हिस्सों में किया गया है: 1. जैतपुर (गोरखपुर) से फुलवरिया (आंबेडकरनगर) तक - 48.317 किमी

2. फुलवरिया से सलारपुर (आजमगढ़) तक - 43.035 किमी। यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के विकास को नई गति प्रदान करेगा और क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

लखनऊ यूपी में तबादलों में भ्रष्टाचार: आईजी स्टांप हटाए गए, 210 ट्रांसफर हुए निरस्त पैसे के लेनदेन की थी शिकायत, आईजी स्तर पर हुए तबादलों में सर्वाधिक गड़बड़ी


 लखनऊ यूपी में तबादलों में भ्रष्टाचार: आईजी स्टांप हटाए गए, 210 ट्रांसफर हुए निरस्त




पैसे के लेनदेन की थी शिकायत, आईजी स्तर पर हुए तबादलों में सर्वाधिक गड़बड़ी



उत्तर प्रदेश, लखनऊ स्टांप एवं पंजीयन विभाग में तबादलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा एक्शन लिया है। महानिरीक्षक निबंधक (आईजी स्टांप) समीर वर्मा को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है और उनके द्वारा किए गए 210 तबादलों को रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल की शिकायत पर की गई है, जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। सीएम ने मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं। प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टांप का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।


रवींद्र जायसवाल ने अपने पत्र में समीर वर्मा पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि समूह ख एवं ग के 210 अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितताएं सामने आई हैं। आरोप है कि भ्रष्ट और जांच के दायरे में आए अधिकारियों को बड़े जिलों में तैनात किया गया, जिसमें लाखों रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है। जायसवाल ने तबादलों में आईजी स्टांप की भूमिका को संदिग्ध बताया और कहा कि 13 जून को तबादले कर लिए गए, लेकिन 15 जून को केवल खानापूर्ति के लिए सूची उनके सामने रखी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मानकों के विपरीत प्रभारी उप निबंधकों और लिपिकों से प्रोन्नत उप निबंधकों को महत्वपूर्ण कार्यालयों में तैनात किया गया।



तबादला सीजन में शासन स्तर से 4 उप महानिरीक्षक और 18 सहायक महानिरीक्षकों के तबादले किए गए थे। वहीं, आईजी स्टांप ने बिना मंत्री से चर्चा किए 58 उप निबंधकों, 114 लिपिकों, 8 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और 30 नए कर्मचारियों के तबादले कर दिए। जायसवाल ने इन तबादलों में पारदर्शिता की कमी और एक इंटर पास लिपिक को रजिस्ट्रार बनाने जैसे गंभीर अनियमितताओं का जिक्र किया। उन्होंने तबादलों की जांच एसटीएफ से कराने और समीर वर्मा को हटाने की मांग की थी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर तंज कसते हुए लिखा, "जिसको ट्रांसफर में नहीं मिला हिस्सा, वही राज खोलके सुना रहा है किस्सा।" उन्होंने दावा किया कि कई मंत्रियों ने ट्रांसफर की फाइलों की 'फीस' न मिलने पर फाइलें लौटा दीं।


स्वास्थ्य विभाग में भी तबादलों को लेकर विवाद चल रहा है। निदेशक (प्रशासन) भवानी सिंह खंगारौत को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है और उनका कार्यभार विशेष सचिव आर्यका अखौरी को सौंपा गया है। सूत्रों का कहना है कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की नाराजगी के चलते यह कार्रवाई हुई। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग में तबादले नहीं हो सके हैं, क्योंकि महानिदेशालय की ओर से भेजी गई सूची पर पाठक ने केवल "संज्ञान लिया" लिखकर छोड़ दिया।


मुख्यमंत्री ने तबादलों में पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। स्टांप विभाग में हुई अनियमितताओं की जांच के आदेश के साथ सभी तबादले रद्द किए गए हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है।

अलीगढ़ पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कराई पति की हत्या शादी से पहले से थे प्रेम संबंध, प्रेमी निकला रिश्ते का देवर


 अलीगढ़ पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कराई पति की हत्या



शादी से पहले से थे प्रेम संबंध, प्रेमी निकला रिश्ते का देवर



उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के गंगीरी थाना क्षेत्र के गांव नगला हिमाचल में ट्रक ड्राइवर ऋषि कुमार (30) की गोली मारकर हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ऋषि की पत्नी ललिता ने अपने प्रेमी, जो रिश्ते में ऋषि का चचेरा भाई है, के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची। 17 जून की रात हुई इस वारदात के बाद पुलिस ने ललिता को हिरासत में ले लिया है, जबकि आरोपी प्रेमी की तलाश जारी है।


पुलिस जांच में पता चला कि ललिता के अपने प्रेमी के साथ शादी से पहले से ही अवैध संबंध थे। ऋषि से शादी के बाद भी दोनों का मिलना-जुलना जारी रहा। इसकी भनक ऋषि को भी लग चुकी थी। सीओ छर्रा धनंजय सिंह के अनुसार, हत्या की साजिश में ललिता और उसके प्रेमी ने मिलकर ऋषि को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। 17 जून 2025 की रात ऋषि को गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसका शव 18 जून 2025 की सुबह गांव में चाचा के मकान के पास पड़ा मिला।


ललिता ने पुलिस को गुमराह करने के लिए तहरीर दी थी कि गांव के एक व्यक्ति ने मोबाइल चोरी के आरोप में ऋषि से विवाद किया और उसी रंजिश में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। हालांकि, पुलिस की गहन जांच में ललिता के प्रेम संबंध और साजिश का खुलासा हुआ। ललिता ने पूछताछ में बताया कि घर में शौचालय न होने के कारण वह रात 11:30 बजे अपनी आठ माह की बेटी के साथ चाचा सौदान सिंह के घर गई थी, जहां ऋषि उसे छोड़ने गया था। इसी दौरान साजिश के तहत उसकी हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई। ऋषि के परिजनों के अनुसार, वह तीन भाइयों में सबसे बड़ा था और हरियाणा में ट्रक ड्राइवर था। उसकी दो साल पहले ललिता से शादी हुई थी। माता-पिता का निधन हो चुका है और तीनों भाई ड्राइवर हैं। पुलिस आगे की जांच में जुटी है और फरार प्रेमी की तलाश कर रही है।