Sunday, 7 September 2025

आजमगढ़ पुलिस ने 18 माह में बरामद किए 2068 मोबाइल फोन 23 लाख के 105 फोन सौंपे गए स्वामियों को


 आजमगढ़ पुलिस ने 18 माह में बरामद किए 2068 मोबाइल फोन




23 लाख के 105 फोन सौंपे गए स्वामियों को




उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ पुलिस ने खोए हुए मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए चलाए जा रहे अभियान में एक और सफलता हासिल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन में जनपद पुलिस ने अगस्त 2025 में 23 लाख रुपये कीमत के 105 एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद किए। इन फोनों को रविवार, 07 सितंबर 2025 को रिजर्व पुलिस लाइन, आजमगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके स्वामियों को सौंप दिया गया।


अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि फरवरी 2024 से शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक कुल 2068 एंड्रॉयड मोबाइल फोन, जिनकी अनुमानित कीमत 3 करोड़ 83 लाख रुपये है, बरामद कर उनके मालिकों को लौटाए जा चुके हैं। इसमें वर्ष 2025 में 843 फोन शामिल हैं। गुमशुदा मोबाइल धारकों द्वारा CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस प्रभारी को गुमशुदा मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। यह अभियान नागरिकों को उनकी खोई हुई संपत्ति वापस दिलाने के लिए निरंतर जारी रहेगा।

आजमगढ़ कंधरापुर आबकारी विभाग और पुलिस का शराब की दुकान पर छापा 21.6 लीटर अवैध विदेशी शराब, 7700 रुपये नकद और 2 अभियुक्त गिरफ्तार


 आजमगढ़ कंधरापुर  आबकारी विभाग और पुलिस का शराब की दुकान पर छापा




21.6 लीटर अवैध विदेशी शराब, 7700 रुपये नकद और 2 अभियुक्त गिरफ्तार




उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जले में आबकारी विभाग और थाना कंधरापुर की संयुक्त टीम ने आजमपुर स्थित एक कम्पोजिट शराब की दुकान पर छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान 21.6 लीटर अवैध विदेशी शराब, 7700 रुपये नकद और दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। आबकारी निरीक्षक प्रभु नरायण सिंह के नेतृत्व में 06 सितंबर को जुनैदगंज चौराहे पर मुखबिर की सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। सूचना मिली थी कि आजमपुर कम्पोजिट दुकान में तनुकरण (पानी मिलाकर) और पिछले वर्ष की बिक्री हेतु अनुमन्य शराब की अवैध बिक्री हो रही है। टीम ने तत्काल दुकान पर छापा मारा, जहां दो विक्रेता शशिकांत यादव उर्फ जगनू (40 वर्ष) और राजेंद्र पाल (52 वर्ष) मौजूद थे।


दुकान की जांच में लकड़ी के तख्ते के नीचे छिपाई गई तीन पेटियों में कुल 120 पौवे अवैध विदेशी शराब बरामद हुई, जिसमें 15 पौवे आइकोनिक व्हाइट ग्रेन व्हिस्की, 35 पौवे सिग्नेचर प्रीमियर, 39 पौवे रॉयल स्टैग, और 31 पौवे मैकडॉवेल नंबर 1 शामिल थे। प्रत्येक पौवे की धारिता 180 मिलीलीटर थी। जांच में पाया गया कि आइकोनिक व्हाइट ग्रेन व्हिस्की की तीव्रता 42.8% के बजाय 35.13% थी, जो तनुकरण का प्रमाण है। साथ ही, अन्य पेटियों में रखी शराब 2024-25 की थी, जो वर्तमान वर्ष में बिक्री के लिए अनुमन्य नहीं थी। विक्रेताओं ने पूछताछ में स्वीकार किया कि दुकान के अनुज्ञापी रुदल यादव के निर्देश पर वे शराब में पानी मिलाकर और पुरानी शराब बेचकर लाभ कमाते थे।


 दुकान के काउंटर से 7700 रुपये नकद भी बरामद किए गए। दोनों अभियुक्तों को धारा 60/64 संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 और धारा 274/318 बीएनएस के तहत गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई में आबकारी निरीक्षक प्रभु नरायण सिंह, प्रभारी आबकारी सिपाही श्रवण कुमार यादव, राजेश कुमार गौतम, धीरज कुमार सिंह और थाना कंधरापुर के सिपाही विनय कुमार शामिल थे। वैध शराब के स्टॉक को जब्त नहीं किया गया, और दुकान को बंद कर चाबी विक्रेताओं को सौंप दी गई। कार्यवाही के दौरान सर्वोच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के दिशा-निदेर्शों का पालन किया गया। 


गिरफ्तार अभियुक्तों में शशिकांत यादव उर्फ जगनू, पुत्र धरमदेव यादव, निवासी खानपुर भगतपट्टी, थाना बिलरियागंज जनपद आजमगढ़, राजेंद्र पाल, पुत्र नरेश पाल, निवासी बिजरवा, थाना मुबारकपुर जनपद आजमगढ़, शामिल हैं।

मिर्जापुर दारोगा ने फांसी लगाकर दी जान थाने से 200 मीटर दूर किराए के कमरे में रहते थे दरोगा


 मिर्जापुर दारोगा ने फांसी लगाकर दी जान



थाने से 200 मीटर दूर किराए के कमरे में रहते थे दरोगा




उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के चील्ह थाने में तैनात दारोगा अनिल ओझा ने शनिवार दोपहर अपने किराए के आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अनिल ओझा ने अपने कमरे में पंखे से रस्सी के सहारे फांसी लगाई।


घटना की सूचना मिलने पर प्रभारी निरीक्षक विजय शंकर सिंह, सीओ सदर अमर बहादुर, और एएसपी नगर नितेश सिंह सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। अनिल ओझा पिछले दो वर्षों से चील्ह थाने में तैनात थे और थाने से लगभग 200 मीटर दूर एक किराए के कमरे में रह रहे थे।


आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। पुलिस अधिकारी मामले की गहन जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या मानसिक तनाव या कोई अन्य कारण इस घटना के पीछे हो सकता है।


इस घटना ने अनिल ओझा के परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। उनके सहकर्मियों ने बताया कि वह एक समर्पित और मेहनती अधिकारी थे। उनके अचानक इस तरह चले जाने से पुलिस महकमे में शोक की लहर है।



पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम के लिए शव को कब्जे में लिया गया है। आगे की जांच के बाद ही आत्महत्या के सटीक कारणों का खुलासा हो सकेगा।