Wednesday, 9 July 2025

उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अधिकारियों को मिली आईएएस में पदोन्नति उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने जारी किया आदेश


 उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अधिकारियों को मिली आईएएस में पदोन्नति


उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने जारी किया आदेश



लखनऊ, उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) काडर में पदोन्नति दी गई है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की अधिसूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

पदोन्नत अधिकारियों में सहारनपुर के अपर आयुक्त भानु प्रताप यादव, यूपीएसएसएससी के परीक्षा नियंत्रक विधान जायसवाल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह, सिद्धार्थनगर के सीडीओ बलराम सिंह, यीडा के विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र कुमार भाटिया, यूपीपीएससी के उप सचिव देवी प्रसाद पाल, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की सचिव अंजू लता, दिव्यांगजन सशक्तीकरण निदेशालय के संयुक्त निदेशक जयनाथ यादव, अपर निदेशक (प्रशासन) कृषि व अपर मेला अधिकारी कुंभ मेला दयानंद प्रसाद शामिल हैं।


इसके अलावा, यूपीपीएससी के उप सचिव विनोद कुमार गौड़ और विवेक कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक मंडी परिषद सचिन कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) हाथरस बसंत अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वाराणसी वंदिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अयोध्या महेंद्र कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बिजनौर विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मुरादाबाद गुलाब चंद्र, सदस्य वक्फ न्यायाधिकरण लखनऊ राम सुरेश वर्मा, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) गाजियाबाद रण विजय सिंह, अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) गौतमबुद्धनगर राजेश कुमार, उप निदेशक मंडी योगेंद्र कुमार और अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा निदेशालय नीलम को भी आईएएस काडर में पदोन्नति दी गई है।

आजमगढ़ में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, परिवार का विकास करने वालों ने देश को भाषा और जाति के नाम पर बांटने का किया काम मुख्यमंत्री योगी ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में की शिरकत

 

आजमगढ़ में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, परिवार का विकास करने वालों ने देश को भाषा और जाति के नाम पर बांटने का किया काम



मुख्यमंत्री योगी ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में की शिरकत


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आजमगढ़ के विकास खंड सठियांव के केरमा गांव में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को धरती माता और जन्मदायिनी मां के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक बताया। वैदिक उद्घोष 'माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सच्चा पुत्र वही है जो अपनी मां की सेवा और रक्षा करता है।


मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आजमगढ़ ने बड़े-बड़े लोगों को चुनाव जिताकर भेजा, लेकिन उन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया और देश को भाषा व जाति के नाम पर बांटने का काम किया।


योगी ने कहा कि 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान वर्तमान को संवारने और भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है। यह अभियान प्रदूषण, सांस की बीमारियों और कार्बन उत्सर्जन के दुष्प्रभावों से बचाने में मददगार है। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में 204 करोड़ पौधे रोपे गए, जिनमें से 75% से अधिक जीवित हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पांच लाख एकड़ वन क्षेत्र बढ़ा है, जिससे उत्तर प्रदेश हीट वेव से ग्रीन वेव की ओर बढ़ रहा है। यह प्रयास पर्यावरण को स्वच्छ रखने और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि आठ वर्ष पहले पांच करोड़ नर्सरियां थीं, जो अब बढ़कर 52 करोड़ हो गई हैं। किसानों को खेत की मेड़ पर पौधे लगाने के लिए प्रति परिवार छह डालर (लगभग 600 रुपये) का लाभ भी मिल रहा है।


योगी ने कहा कि दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को सांसद बनाने के बाद आजमगढ़ में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, संगीत महाविद्यालय और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जैसी सुविधाएं मिली हैं। साथ ही, जिले में सड़कों का जाल बिछाया गया है। उन्होंने जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि नदियों को स्वच्छ बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे एक पौधा लगाएं और उसकी सेल्फी वन विभाग को भेजें, जिसके लिए उन्हें पुरस्कार मिलेगा।

आजमगढ़ सीएम योगी की जनसभा में पुलिसकर्मी और भाजपा नेता के बीच तीखी नोकझोंक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तनावपूर्ण स्थिति नियंत्रित


 आजमगढ़ सीएम योगी की जनसभा में पुलिसकर्मी और भाजपा नेता के बीच तीखी नोकझोंक



अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तनावपूर्ण स्थिति नियंत्रित


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकासखंड सठियांव के केरमा गांव में आयोजित जनसभा के दौरान उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी और भाजपा नेता के बीच जमकर कहासुनी हो गई। घटना ने कुछ देर के लिए जनसभा में हलचल मचा दी, हालांकि बाद में स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जनसभा में सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात पुलिसकर्मी ने किसी कारणवश भाजपा नेता को रोकने का प्रयास किया। इस पर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। विवाद बढ़ता देख मौके पर मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को काबू में किया गया और भाजपा नेता को कार्यकर्ता गैलरी में जाने की अनुमति दी गई।


इस घटना से जनसभा में कुछ समय के लिए व्यवधान उत्पन्न हुआ, लेकिन आयोजन निर्बाध रूप से जारी रहा। घटना को लेकर स्थानीय लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का माहौल गर्म है। इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

प्रयागराज पानी भरे गड्ढे में मिली 4 मासूम बच्चों की लाश एक दिन पहले हुए थे लापता, गांव में फैली सनसनी


 प्रयागराज पानी भरे गड्ढे में मिली 4 मासूम बच्चों की लाश



एक दिन पहले हुए थे लापता, गांव में फैली सनसनी



उत्तर प्रदेश, प्रयागराज मेजा थाना क्षेत्र के बेदौली गांव में मंगलवार शाम लापता हुए चार मासूम बच्चों की लाश बुधवार सुबह गांव के पास ईंट भट्ठे के बगल पानी भरे गड्ढे में उतराती हुई मिली। इस दुखद घटना से पूरे गांव में सनसनी फैल गई और मृतक बच्चों के परिवार में कोहराम मच गया। मृतक बच्चों में दो सगे भाई-बहन और दो पड़ोसी बच्चे शामिल हैं।


पुलिस के अनुसार, मृतक बच्चों की पहचान हुनर (5 वर्ष, हीरा आदिवासी का बेटा), वैष्णवी (3 वर्ष, हीरा आदिवासी की बेटी), खेसारी लाल (5 वर्ष, संजय आदिवासी का बेटा) और कान्हा (5 वर्ष, विमल आदिवासी का बेटा) के रूप में हुई है। ये सभी बच्चे आदिवासी बस्ती के निवासी थे, जहां अधिकांश लोग ईंट भट्ठे या मनरेगा में मजदूरी करते हैं। मंगलवार शाम करीब तीन बजे बस्ती के लोग मनरेगा के काम पर गए थे। शाम पांच बजे जब लोग घर लौटे तो चारों बच्चे घर से गायब थे। परिजनों और बस्ती के लोगों ने बच्चों की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मेजा पुलिस ने रात में ही गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की, लेकिन बच्चों का पता नहीं चला। बुधवार सुबह छह बजे बस्ती के लोगों की नजर ईंट भट्ठे के पास पानी भरे गड्ढे पर पड़ी, जहां चारों बच्चों की लाश उतराती हुई दिखी।


जानकारी के अनुसार, ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मिट्टी निकालने के लिए खोदा गया गड्ढा बारिश के पानी से भर गया था। पुलिस का अनुमान है कि बच्चे खेलते-खेलते इस गड्ढे में चले गए और डूबने से उनकी मौत हो गई। बस्ती के लोगों ने बच्चों की लाश को गड्ढे से बाहर निकाला। सूचना पर एसीपी मेजा एसपी उपाध्याय, मेजा थानाध्यक्ष राजेश उपाध्याय और एसडीएम मेजा सुरेंद्र प्रताप यादव सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची।


चारों बच्चों के शव को सीएचसी रामनगर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।