आजमगढ़ कप्तानगंज 24 घंटे के अंदर हत्याकाण्ड का पुलिस ने किया खुलासा
घटना में प्रयुक्त चाकू, 3 खाली बीयर की कैन व कपड़े बरामद
हत्यारे ने पुलिस को बताई घटना को अंजाम देने की हैरान करने वाली वजह
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के थाना कप्तानगंज के गौरा गांव निवासी युवक की हत्या मामले का पुलिस ने 24 घंटे के अन्दर खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों के पास से घटना में प्रयुक्त चाकू, तीन खाली बीयर की कैन व कपड़े बरामद किया गया। पुलिस ने स्वाट व सर्विलांस टीम की मदद से घटना के पर्दाफाश करने में सफलता पाई।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि 02 मई 2025 को सोहराज पुत्र नियाज अहमद निवासी ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ ने थाने में तहरीर देकर अवगत कराया था कि उसके बेटे फहद की किसी अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धारदार हथियार से गले, पेट व सिर पर वार व गमछे से हाथ बांधकर हत्या कर दी गयी। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। विवेचक विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा की गई विवेचना में मो0 हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो0 सलमान व आतिफ खान पुत्र मेराज निवासीगण ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने आतिफ को छाता का पुरा हाइवे पुल के नीचे से बीती रात गिरफ्तार कर लिया, वहीं दूसरे अभियुक्त हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो0 सलमान को बीती रात जेहरा पिपरी से पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में अभियुक्त मो0 हामिद उर्फ सद्दाम ने बताया कि मृतक फहद के दोस्त संगम से मेरे छोटे भाई सहवान से एक महीने पहले कहासुनी हुई थी और कई बार उसने मेरी बहन को आते जाते कमेन्ट करता था जिसको लेकर मैंने फहद को डांटा भी था। उसके बाद मैं अपनी मौसी के घर चला गया, जब मैं घर आया तो फहद ने मुझे जान से मारने की धमकी दी, जिससे मैं डर गया और उसकी हत्या करने की योजना बनाई।
एक मई को जब मैं सरायमीर से अपने घर आया तो शाम को करीब चार बजे फहद मुझे नशे की हालत में मिला और मुझसे कहा कि तुम कमाकर आये हो मुझे पार्टी दो। इस बात की सूचना मैंने अपने दोस्त आतिफ खान को दी। आतिफ और फहद शाम को मोटर सायकिल से पार्टी करने के लिए कोइनहा बाजार गये और तीन बीयर की कैन खरीदी और लक्ष्मी यादव के बंद पड़े ईंट भट्ठे के पास गये। जहां हम तीनों ने बीयर पी। जब फहद काफी नशे में हो गया, तब मैंने अपने लिए चाकू से फहद की गर्दन को रेत दिया, कुछ समय बाद उसकी मौत हो गयी। उसके बाद मैंने दूसरा कपड़ा पहनकर हम दोनों सुबाष पुत्र गिरजा के घर बहूभोज में जाकर खाना खाये और घर जाकर सो गये।