Tuesday, 27 December 2022

आजमगढ़ ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर चला पुलिस का अभियान 98 लाउडस्पीकर हटाए गए, 260 का दिशा परिवर्तन।


 आजमगढ़ ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर चला पुलिस का अभियान


98 लाउडस्पीकर हटाए गए, 260 का दिशा परिवर्तन।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ शासन के निर्देश पर धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर मानक के विपरीत लगाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटाने के लिए कुछ माह पूर्व जिले में चलाए गए अभियान के बाद एकबार फिर पुलिस विभाग द्वारा आने वाले दिनों में आयोजित होने वाली परिक्षाओं को संज्ञान में लेते हुए इस अभियान को एक बार फिर गति दी गई है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के निर्देश पर जिले के सभी थाना क्षेत्रों में लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। इस कार्रवाई में पिछले चार दिनों में 98 लाउडस्पीकर हटाए गए जब कि 260 लाउडस्पीकर की आवाज निर्धारित मानक के अनुसार बजाने अथवा दिशा परिवर्तन कराया गया है।


इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पूर्व में चलाए गए अभियान में पूरे जिले में कुल 670 लाउडस्पीकर हटाए गए थे। अभियान संपन्न होने के बाद पुनः चिन्हित स्थानों पर मानक से अधिक लाउडस्पीकर लगा दिए गए या फिर उन्हें तेज आवाज में संचालित किया जाने लगा। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पिछले चार दिनों से पुनः इस अभियान को गतिशील किए जाने का निर्देश दिया गया, जिसके अनुपालन में अनुमति से ज्यादा लगे कुल 98 लाउडस्पीकर हटाए गए जब कि 260 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कराई गई साथ ही उनका दिशा परिवर्तन कराया गया जिससे घनी आबादी में निवास करने वाले लोगों को असुविधा महसूस न हो सके। 


उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 74 लाउडस्पीकर विद्यालयों तथा सामाजिक संगठनों को दान किया गया ताकि उनका समुचित उपयोग किया जा सके। एसपी श्री आर्य ने बताया कि इस अभियान का असर जिले के कंधरापुर, दीदारगंज तथा पवई थाना क्षेत्र में कुछ कम देखने को मिला है जिसके लिए संबंधित थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

आजमगढ़ गम्भीरपुर फरार अभियुक्तों के घर कुर्की की नोटिस चस्पा


 आजमगढ़ गम्भीरपुर फरार अभियुक्तों के घर कुर्की की नोटिस चस्पा



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामले में फरार चल रहे अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय से जारी की गई कुर्की की चेतावनी नोटिस के साथ उनके घर पहुंची पुलिस ने उनके आवास पर चस्पा करने के साथ ही क्षेत्र में मुनादी कराई।


बताते चलें कि गंभीरपुर थाने में दर्ज एक मामले में क्षेत्र के मोहम्मदपुर ग्राम निवासी शाहिदा बानो पत्नी नेयाज अहमद तथा उसकी बेटी तरन्नुम एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार चल रही हैं। अभियुक्त मां-बेटी के अदालत में हाजिर न होने की वजह से दोनों के खिलाफ न्यायालय से कुर्की की चेतावनी नोटिस जारी की गई है। 


मंगलवार को गंभीरपुर पुलिस चेतावनी नोटिस के साथ मोहम्मदपुर गांव स्थित आरोपी मां-बेटी के घर पहुंची और गवाहों की मौजूदगी में उनके आवास पर नोटिस चस्पा करते हुए क्षेत्र में डुगडुगी भी बजवाई।

बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं करायेंगे निकाय चुनाव हाईकोर्ट के फैसले पर बोले सीएम योगी जरूरत पड़ी तो जायेंगे सुप्रीम कोर्ट


 बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं करायेंगे निकाय चुनाव


हाईकोर्ट के फैसले पर बोले सीएम योगी जरूरत पड़ी तो जायेंगे सुप्रीम कोर्ट


लखनऊ उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग का गठन करेगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे। अगर जरूरी हुआ तो सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी।


इससे पहले, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने 70 पेज के फैसले में कहा कि यूपी सरकार चाहे तो बगैर ओबीसी आरक्षण चुनाव करा सकती है। हाईकोर्ट का कहना है कि यूपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर जो ड्राफ्ट नोटिफिकेशन लगाया है, उसमें सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट का पालन नहीं किया गया है। यूपी सरकार पहले ओबीसी आरक्षण के लिए कमिशन बनाए।

उत्तर प्रदेश के 96 आईपीएस अफसरों का नए साल में प्रमोशन, कुछ आईजी हो जाएंगे एडीजी


 उत्तर प्रदेश के 96 आईपीएस अफसरों का नए साल में प्रमोशन,


 कुछ आईजी हो जाएंगे एडीजी


लखनऊ उत्तर प्रदेश के 96 आईपीएस अफसरों को नए साल में प्रोन्नति का इंतजार है। इनमें से कुछ की रैंक में प्रोन्नति होगी तो कुछ सेलेक्शन ग्रेड हासिल करेंगे। विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक एक बार टल चुकी है। जल्द ही बैठक की नई तिथि तय होने की संभावना जताई जा रही है।


विभागीय अफसरों के अनुसार वर्ष 1998 बैच के आईजी रैंक के कुछ अफसरों भगवान स्वरूप, अमित चंद्रा, पीयूष मोर्डिया और बीडी पाल्सन की एडीजी रैंक में प्रोन्नति संभावित है। इसी तरह वर्ष 2005 बैच के छह आईपीएस अफसरों की डीआईजी से आईजी रैंक में प्रोन्नति होनी है। इनमें से ज्यादातर इस समय रेंज में तैनात हैं। ऐसे में प्रोन्नति के बाद भी इन्हें रेंज में ही तैनात रखा जा सकता है। एडीजी से डीजी रैंक में प्रोन्नत होने वाले अफसरों को अभी पदनाम मिलने की संभावना कम है, क्योंकि अभी डीजी रैंक का पद रिक्त नहीं है। डीजी रैंक के पद अगले साल रिक्त होने वाले हैं। 


वर्ष 2023 में डीजी रैंक के पांच अफसर रिटायर होने वाले हैं। हालांकि इन्हीं में से किसी एक को डीजीपी बनाया जा सकता है, जिसे डीजीपी के रूप में दो साल का कार्यकाल मिल सकता है।

नए साल में होने वाली प्रोन्नति का लाभ वर्ष 2019 बैच के नौ आईपीएस अफसरों को भी मिल सकता है। ये अफसर एएसपी से एसपी पद पर प्रोन्नत होंगे। इसी तरह 2009 बैच के 11 आईपीएस अफसरों को डीआईजी पद पर प्रोन्नत करने पर विचार किया जाएगा। इनमें कई जिलों के पुलिस कप्तान भी शामिल हैं। 


जाहिर है कि इन अफसरों की प्रोन्नति के बाद जिलों के नए पुलिस कप्तान तैनात किए जाएंगे। साथ ही वर्ष 2010 बैच के 36 आईपीएस अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड का लाभ मिलेगा। ये आईपीएस इस समय एसपी रैंक में कार्यरत हैं।