Friday, 6 June 2025

आजमगढ़ मेंहनाजपुर युवक की हत्या के मामले में 3 अभियुक्त गिरफ्तार 4 जून की रात लड़की से मिलने जाते समय की गई थी हत्या, चाकू बरामद


 आजमगढ़ मेंहनाजपुर युवक की हत्या के मामले में 3 अभियुक्त गिरफ्तार



4 जून की रात लड़की से मिलने जाते समय की गई थी हत्या, चाकू बरामद



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के मेंहनाजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बरवां में बीते 4 जून 2025 की रात हुई युवक अमित राजभर उर्फ गोलू की हत्या के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में अवनीश राजभर, मनीष राजभर और सुदामी देवी शामिल हैं। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त एक चाकू भी बरामद किया है।


विदित हो कि 5 जून 2025 को अरुण राजभर, पुत्र कल्पनाथ राजभर, निवासी अहिरौली खिजिरपुर, थाना देवगांव, जनपद आजमगढ़ ने मेंहनाजपुर थाने में तहरीर दी। तहरीर के अनुसार, उनका भतीजा अमित राजभर उर्फ गोलू, पुत्र अरविंद राजभर, ग्राम बरवां की एक लड़की से मित्रता रखता था। परिवार द्वारा कई बार मना करने के बावजूद अमित उस लड़की से मिलने 4 जून 2025 की रात को बरवां गया था। वहां अवनीश राजभर, मनीष राजभर और सुदामी देवी, जो सभी ग्राम बरवां के निवासी हैं, ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। इस तहरीर के आधार पर मेंहनाजपुर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले की जांच थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह द्वारा की जा रही है।


पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों की तलाश शुरू की। 05 जून 2025 को थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ अभियुक्त अवनीश राजभर और मनीष राजभर को बरवा मोड़ पर उस समय हिरासत में लिया, जब वे कहीं जाने की फिराक में थे। इसके बाद, 6 जून 2025 को सुबह करीब 07:45 बजे उपनिरीक्षक विक्रांत मिश्रा ने अपनी टीम और महिला आरक्षी चंदा पाल के साथ तीसरी अभियुक्ता सुदामी देवी पत्नी स्वर्गीय विजय राजभर को ग्राम बरवां से गिरफ्तार किया।

आजमगढ़ मुबारकपुर बकरीद से पहले लोहरा गांव में सघन तलाशी अभियान कड़ी निगरानी के लिए एक प्लाटून पीएसी के साथ 19 उपनिरीक्षक, 40 पुरुष आरक्षी, 8 महिला आरक्षी और राजस्व विभाग की टीम तैनात


 आजमगढ़ मुबारकपुर बकरीद से पहले लोहरा गांव में सघन तलाशी अभियान



कड़ी निगरानी के लिए एक प्लाटून पीएसी के साथ 19 उपनिरीक्षक, 40 पुरुष आरक्षी, 8 महिला आरक्षी और राजस्व विभाग की टीम तैनात



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना क्षेत्र के लोहरा गांव में बकरीद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को सायं पांच बजे पुलिस और प्रशासन ने सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान गांव के प्रत्येक घर में जानवरों की गहन जांच की गई। बकरीद के पर्व को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। इस अभियान में पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें सक्रिय रूप से शामिल रहीं, जबकि गांव में शांति बनाए रखने के लिए 39वीं बटालियन की एक प्लाटून पीएसी को भी तैनात किया गया है।


मुबारकपुर थाना प्रभारी निरीक्षक निहार नंदन कुमार के निर्देश पर लोहरा गांव में तलाशी अभियान को दो पुलिस टीमों ने अंजाम दिया। पहली टीम का नेतृत्व स्वयं थाना प्रभारी निहार नंदन कुमार और महिला चौकी प्रभारी अंकिता शुक्ला ने किया, जबकि दूसरी टीम का नेतृत्व लोहरा चौकी प्रभारी प्रमोद यादव ने संभाला। इन टीमों में 19 उपनिरीक्षक, 40 पुरुष आरक्षी, 8 महिला आरक्षी और राजस्व विभाग की टीम में लेखपाल आशिफ जमाल, पंकज कुमार सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।



जानकारी के अनुसार, बकरीद के अवसर पर कुबार्नी के लिए रखे गए जानवरों को लोहरा गांव से पहले ही पड़ोसी गांवों या गांव में निर्धारित अस्थाई बाड़ों में स्थानांतरित कर दिया गया था। हर वर्ष बकरीद के दौरान लोहरा गांव में प्रशासन द्वारा इसी तरह की सतर्कता बरती जाती है। कुबार्नी के जानवरों को गांव से हटाकर पास के गांवों या निर्धारित स्थानों पर रखा जाता है, ताकि पर्व के दौरान किसी भी तरह की आव्यवस्था या विवाद की स्थिति से बचा जा सके। बकरीद के पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने लोहरा गांव में तीन दिनों तक विशेष निगरानी की व्यवस्था की है। पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें गांव में कैंप कर रही हैं और लगातार अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। गांव में तैनात 39वीं बटालियन की पीएसी प्लाटून भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लोहरा गांव में बकरीद के दौरान प्रशासन की यह सतर्कता कोई नई बात नहीं है। हर साल इस पर्व के दौरान गांव में इसी तरह की व्यवस्था की जाती है।


 घर-घर तलाशी, पुलिस बल की तैनाती और राजस्व विभाग की निगरानी के जरिए प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि बकरीद का पर्व शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण तरीके से संपन्न हो। इस वर्ष भी प्रशासन ने अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। तलाशी अभियान के दौरान स्थानीय लोगों ने भी पुलिस और प्रशासन का सहयोग किया। ग्रामीणों ने प्रशासन की इस पहल को पर्व की शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी बताया। प्रशासन ने भी ग्रामीणों से अपील की है कि वे बकरीद के दौरान शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखें।

आजमगढ़ महराजगंज ताबड़तोड़ हमले के आरोपी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार मृतक द्वारा बीती शाम अपनी मां और एक बच्ची पर हांसिए से किया था जानलेवा हमला


 आजमगढ़ महराजगंज ताबड़तोड़ हमले के आरोपी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत



परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार


मृतक द्वारा बीती शाम अपनी मां और एक बच्ची पर हांसिए से किया था जानलेवा हमला


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के महराजगंज थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम एक मानसिक रूप से विक्षिप्त और नशे की लत से ग्रस्त युवक सन्नी मिश्र (26) ने ताबड़तोड़ दो हमले कर क्षेत्र में सनसनी फैला दी। इसके बाद युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में मौत हो गई, जिससे पुलिस भी सकते में है। परिवार ने हत्या की आशंका जताई है।


 पुलिस के अनुसार, सन्नी मिश्र, पुत्र अमरजीत मिश्र, निवासी नरोत्तमपुर, ने गुरुवार शाम करीब 6 बजे पहले अपनी मां शशिकला को पैर से मारकर गिराया और फिर हंसिए से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद उसने विशुनपुर निवासी रामबदन यादव की 10 वर्षीय नातिन आर्या यादव पर हंसिए से ताबड़तोड़ वार किए। हमले में बच्ची की उंगली कट गई, गालफड़ा लटक गया और गले पर गंभीर चोटें आईं। दोनों घायलों का आजमगढ़ के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि सन्नी की मां खतरे से बाहर बताई जा रही है।


पुलिस हमलावर की तलाश में जुटी थी कि तभी सूचना मिली कि सन्नी मिश्र महराजगंज-कप्तानगंज मार्ग पर विशुनपुर और नरोत्तमपुर के बीच गंभीर रूप से घायल पड़ा है। थाना प्रभारी विनय कुमार मिश्र ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज पहुंचाया, जहां से उसे मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सन्नी की मौत सड़क हादसे से होने की बात सामने आई है, लेकिन परिवार ने हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है। महराजगंज पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी मिलेगी, जिससे जांच को और सटीक दिशा दी जा सकेगी।

मऊ कुख्यात माफिया रमेश सिंह काका ने कोर्ट में किया सरेंडर गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने घोषित किया था 25 हजार रुपये का इनाम जालसाजी के मामले में कोर्ट ने सुनाई थी 4 साल की सजा


 मऊ कुख्यात माफिया रमेश सिंह काका ने कोर्ट में किया सरेंडर


गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने घोषित किया था 25 हजार रुपये का इनाम


जालसाजी के मामले में कोर्ट ने सुनाई थी 4 साल की सजा


उत्तर प्रदेश, मऊ आईआर गैंग 212 के मुख्य आरोपी और कुख्यात माफिया रमेश सिंह काका ने शुक्रवार को पुलिस को चकमा देते हुए सीजेएम कोर्ट में आत्मसर्पण कर दिया। कोर्ट ने वर्ष 2010 के जालसाजी मामले में उसे चार साल की सजा सुनाई। रमेश सिंह काका की गिरफ्तारी के लिए बुधवार को पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।


मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक इलामारन जी ने बताया कि रमेश सिंह काका ने सुबह करीब 10 बजे कोर्ट में सरेंडर किया। सीजेएम कोर्ट ने 1 जून को जालसाजी के मामले में उसे और उसके सहयोगी जावेद आजमी को दोषी ठहराया था। सहयोगी को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी।


रमेश सिंह काका, जो सरायलंखसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव का निवासी है, प्रदेश स्तर का माफिया और हिस्ट्रीशीटर है। वह टॉप टेन अपराधियों की सूची में भी शामिल है। उसके खिलाफ शहर कोतवाली में धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत मुकदमा (1309/2010) दर्ज था। दोषी ठहराए जाने के बाद से वह फरार चल रहा था। कोर्ट के फैसले के बाद रमेश सिंह काका को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है।

लखनऊ तड़के एनकाउंटर में मारा गया दरिंदा, ढाई साल की बच्ची से किया था रेप 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपी को कर दिया ढेर


 लखनऊ तड़के एनकाउंटर में मारा गया दरिंदा, ढाई साल की बच्ची से किया था रेप



24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपी को कर दिया ढेर



उत्तर प्रदेश, लखनऊ राजधानी लखनऊ में आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे परिवार के साथ सो रही ढाई साल की बच्ची को उठा ले जाकर एक वहशी दरिंदे ने मेट्रो की लिफ्ट के पास अपनी दरिंदगी का शिकार बना डाला। मां-पिता की नींद टूटी तो वे बदहवास होकर उसे खोजने लगे। इस दौरान बच्ची खून से लथपथ हालत में दर्द से कराहती मिली। उसे गंभीर हालत में केजीएमयू रेफर किया गया। वहीं पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी की पहचान करने के साथ तलाश शुरू कर दी। करीब 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने शुक्रवार तड़के करीब पौने चार बजे हुई मुठभेड़ में आरोपी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इंस्पेक्टर आलमबाग सुभाष चंद्र सरोज ने आरोपी दीपक वर्मा के मौत की पुष्टि की।


मिली जानकारी के अनुसार मूल रूप से उन्नाव निवासी परिवार लखनऊ में कबाड़ बीनता है। पिता के मुताबिक वह बुधवार रात मेट्रो स्टेशन के चबूतरे पर पत्नी और बच्ची के साथ सोए थे। तड़के करीब तीन बजे आंख खुली तो बच्ची पास में नहीं थी। खोजबीन शुरू की तो एक वृद्ध ने बताया वह मेट्रो स्टेशन की लिफ्ट के पास गलियारे में रो रही है। वहां बच्ची खून से लथपथ थी। निजी अंगों से रक्तस्राव हो रहा था। ई-रिक्शे से लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। रक्तस्राव न रुकने पर बच्ची को केजीएमयू रेफर कर दिया गया।


आलमबाग कोतवाली में अज्ञात पर दुष्कर्म, पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने कैमरों की तफ्तीश की तो एक संदिग्ध बच्ची को ले जाते दिखा। पुलिस की पांच टीमें गठित कर तलाश में जुट गईं। आलमबाग पुलिस को शुक्रवार तड़के करीब पौने चार बजे सीओ कैंट आफिस के पीछे गन्ना संस्थान रोड पर संदिग्ध युवक जाता दिखा। रोकने पर वह तेजी से भागा। घेराबंदी की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में आरोपी को दो गोलियां लगीं। आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।