Monday, 10 October 2022

जनता ने उपवास रखकर मुलायम सिंह को बनाया था पहली बार विधायक


 जनता ने उपवास रखकर मुलायम सिंह को बनाया था पहली बार विधायक



उत्तर प्रदेश लखनऊ राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के बाद इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। देश में समाजवाद की लहर थी। 60 के उस दशक में राम मनोहर लोहिया समाजवादी आंदोलन के सबसे बड़े नेता थे। 


उस दौर में देशभर की तरह उत्तर प्रदेश के इटावा में भी समाजवादियों की रैलियां होती थीं और इन रैलियों में नेताजी जरूर शामिल होते थे। समाजवादी विचारधारा उन्हें रमने लगती थी। अब वे अखाड़े के साथ-साथ रैलियों में पाये जाते थे। समय बीतता गया और नेताजी समाजवाद के रंग में रंगते गये। कुछ साल बाद नेताजी को विधायकी लड़ने के लिए टिकट तो मिला, लेकिन प्रचार करने के लिए उनके पास साइकिल के अलावा कुछ भी नहीं था लेकिन गांव के लोग उन्हें इतना मानते थे कि उन्होंने उपवास रखना शुरू कर दिया। उससे जो अनाज बचता, उसे बेचकर गाड़ी के लिए ईंधन की व्यवस्था होती। नेताजी ने उन्हें निराश नहीं किया। उन्होंने न सिर्फ विधायकी का चुनाव जीता, देश के सबसे बड़े सूबे के तीन बार मुख्यमंत्री बने, साथ ही देश के रक्षा मंत्री भी बने। अखिलेश यादव के हाथों पूरी तरह समाजवादी पार्टी की कमान सौंपने के बाद से मुलायम सिंह यादव राजनीति में निष्क्रिय हो गए है लेकिन अपनी जवानी में कम उम्र में ही राजनीति में उन्होंने अपने दम पर जो हासिल किया वो शायद ही कोई नेता कर पाए।

बता दें कि मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी व सुघर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह यादव अपने पांच भाई-बहनों में रतन सिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं। 


पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के बाद उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवंत नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के बाद इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।

लखनऊ 1998 में लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले मुलायम सिंह की रणनीति से गिरी थी प्रदेश सरकार


 लखनऊ 1998 में लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले मुलायम सिंह की रणनीति से गिरी थी प्रदेश सरकार


उत्तर प्रदेश लखनऊ सपा संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सबसे गहरा नाता संभल जिले से रहा है। 2011 से पहले तक संभल मुरादाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था लेकिन संसदीय क्षेत्र संभल ही था। तब संभल के लोकसभा क्षेत्र में बदायूं जिले की विधानसभा क्षेत्र गुन्नौर और बिसौली भी शामिल हुआ करती थीं। संभल लोकसभा क्षेत्र से 1998 में मुलायम सिंह ने पहली बार चुनाव लड़ा और वह जीते थे। मुलायम सिंह यादव उस समय रक्षामंत्री थे। उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी बाहुबली डीपी यादव से था। डीपी यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए उस समय के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह हसनपुर तहसील के गांव रहरा में आए थे। यह इलाका भी उस समय संभल लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा था। 


मुख्यमंत्री की सभा के बाद डीपी यादव का चुनावी किला इतना मजबूत हुआ कि मुलायम सिंह का चुनाव कमजोर नजर आने लगा था। मुलायम सिंह जवानी में पहलवान थे और उन्होंने राजनीति में भी अपने दांव पेंच खूब आजमाए। एक दांव 1998 में लोकसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले चला। बसपा सुप्रिमो मायावती को अपने विश्वास में लेते हुए कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने की रणनीति तैयार की थी।


सपा और बसपा मिलकर भी सरकार नहीं बना पा रहे थे। इसलिए लोकतांत्रिक कांग्रेस के जगदंबिका पाल को विश्वास में लिया और उन्हें विधायक दल का नेता चुने जाने का आश्वासन दिया। मुलायम सिंह की रणनीति काम कर गई और जगदंबिका पाल और नरेश अग्रवाल के नेतृत्व में विधायकों ने राज्यपाल रोमेश भंडारी को सरकार से समर्थन वापस लेने का पत्र सौंपा था। इसी के साथ बसपा, सपा और कांग्रेस के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी गई। जिसके बाद 21 फरवरी 1998 की शाम में ही जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री की शपथ कराई थी। कल्याण सिंह सरकार गिरते ही संभल के लोकसभा चुनाव का माहौल ही बदल गया था। 22 फरवरी 1998 को हुए मतदान में मुलायम सिंह यादव को 376828 मत मिले थे। जबकि डीपी यादव को 210146 मत मिले थे। मुलायम सिंह यादव ने 166682 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। 


डीपी यादव को कहा जाता है कि संभल लोकसभा सीट के लिए ही एक दिन पूर्व ही सरकार गिरा दी गई थी। राजनीति के बड़े नामों में शुमार मुलायम सिंह यादव का संभल से लगाव भी बहुत था और वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी कई बार संभल आए थे।

मुलायम सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित


 मुलायम सिंह के निधन पर उत्तर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित


लखनऊ समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। 


जानकारी के अनुसार बता दें कि मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार सैफई में उनके पैतृक गांव में होगा। बता दें कि मुलायम सिंह यादव को धरती पुत्र के नाम से जाना जाता है, वह जमीन से जुड़े नेता थे, यही वजह है कि उनकी पहचान आमजन के नेता के तौर पर होती थी। वह लोगों की समस्याओं को करीब से समझते थे, यही वजह है कि वह एक लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे।

बता दें कि मुलायम सिंह यादव पिछले कई दिनों से बीमार थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह से मिलने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता मेदांता अस्पताल पहुंचे थे।


 मेदांता के आईसीयू में मुलायम सिंह यादव का इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें कुछ खास स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा था। अस्पताल की ओर से जो हेल्थ अपडेट दी जा रही थी, उसमे लगातार कहा जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव की हालत बेहतर नहीं हो रही थी। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के सबसे दिग्गज नेता के तौर पर याद किए जाएंगे, वह 8 बार उत्तर प्रदेश से विधायक रहे, संसद पहुंचे और कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला। ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि केंद्र की राजनीति में भी मुलायम सिंह यादव काफी सक्रिय थे। वह देश के रक्षामंत्री के पद पर रहे। मुलायम सिंह यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए दुख जाहिर किया।

मुलायम सिंह यादव का निधन गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली आखिरी सांस


 मुलायम सिंह यादव का निधन


गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली आखिरी सांस



उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 81 साल के थे। मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वह वेंटिलेटर पर थे। रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।


पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे। उन्हें बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है।

उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर, 34 लोगों की मौत आजमगढ़ में तेज गरज व धमक के साथ शुरू हुई बरसात मौसम विभाग ने 45 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट किया घोषित।


 उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर, 34 लोगों की मौत


आजमगढ़ में तेज गरज व धमक के साथ शुरू हुई बरसात

मौसम विभाग ने 45 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट किया घोषित।



लखनऊ यूपी में बारिश का कहर जारी है। रविवार को प्रदेश भर में बाढ़ और बारिश सहित कई घटनाओं में 34 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ का खतरा कई और जिलों को अपनी जद में लेगा, ऐसी आशंका है। इसी आशंका के मद्देनजर शासन की ओर से लखनऊ समेत 45 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी लखनऊ सहित राज्य के कई जिलों में आज स्कूल बंद रखने के आदेश भी स्थानीय प्रशासन की ओर से दिए गए हैं। आजमगढ़ में सुबह से ही तेज गरज के साथ बारिश शुरू हो गई है।


बारिश फिलहाल चिंता बढ़ाती रहेगी। मौसम विभाग ने फिर कई जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। बरसात तो पूरे प्रदेश में होने के आसार हैं, लेकिन मुरादाबाद, रामपुर, बरेली व आसपास के इलाकों में भारी से ज्यादा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लखनऊ समेत प्रदेश में कई जिलों में दस और 11 अक्टूबर को स्कूल बंद रखने के डीएम ने निर्देश जारी किए हैं।


मौसम बुलेटिन के मुताबिक, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, कांशीरमनगर समेत 40 से अधिक जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां पर भारी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। वहीं ललितपुर, वाराणसी, प्रयागरजा, सोनभद्र आदि इलाकों को चेतावनी से दूर रखते हुए बारिश के आसार जताए गए हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक, मेरठ और अलीगढ़ में तेज बारिश हुई। यहां पर 48 मिमी से ज्यादा बरसात रिकॉर्ड की गई है।


लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा में डीएम ने दस अक्टूबर को सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। रामपुर में जिले के सभी स्कूलों को सोमवार तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने सोमवार को जिले में सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है।


आगरा जिले में नर्सरी से कक्षा 12 तक के सभी बोर्ड के विद्यालयों को दो दिन तक बंद कर दिया है। 10 और 11 अक्तूबर को अवकाश की अवधि में शिक्षकों की ओर से प्रशिक्षण सहित अन्य विभागीय कार्य किए जाएंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) मनोज कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी की अनुमति से अवकाश घोषित किया गया है। सभी बोर्ड के राजकीय, परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर आदेश लागू होगा। इसका कड़ाई से अनुपालन करने के लिए कहा गया है।


सूत्रो के मुताबिक लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बीच रविवार को प्रदेश में 34 लोगों की मौत हो गई। इनमें बिजली गिरने, मकान ढहने और नदियों में बहने से हुई मौतें शामिल हैं। धान और गन्ने समेत दलहनी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। कई जगहों पर पशुओं की भी मौत हो गई है। सीएम योगी ने इन घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मदद की घोषणा की।


मौसम विभाग की ओर से सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी होने के बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों को भी अलर्ट मोड पर कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देर रात इसे लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने निर्देश दिया कि अलर्ट को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी अधिकारी, मेडिकल कॉलेज, संस्थान, अस्पताल, सीएमओ, डॉक्टर्स एवं सभी संबंधित स्टॉफ आपातकालीन सेवा हेतु तैयार रहे।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण करने के लिए खुद मैदान में उतरने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राहत सामग्री वितरित करें। जनहानि पर शासन से अनुमन्य राहत राशि पीड़ित परिवार को शीघ्र दें। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा स्थानीय स्तर पर भी टीमों को अलर्ट किया जाए। विभागीय मंत्री भी भौतिक निरीक्षण करें। राजस्व टीमें फसलों के नुकसान का आकलन करें। किसानों की मदद के लिए सरकार तैयार है।

हरदोई डॉक्टरों को खिंचवाकर थाने पर बैठा दूंगी आक्रोशित एसडीएम के वायरल वीडियो ने पकड़ा तूल


 हरदोई डॉक्टरों को खिंचवाकर थाने पर बैठा दूंगी


आक्रोशित एसडीएम के वायरल वीडियो ने पकड़ा तूल


उत्तर प्रदेश हरदोई जिले में एक युवती के जहर खाने की सूचना पर एसडीएम सदर जिला अस्पताल पहुंची। यहां मामले की जानकारी करने के दौरान संतोष जनक जवाब न मिलने पर वे नाराज हुईं। उनकी नाराजगी का वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ रहा है। वायरल वीडियो में एसडीएम सदर सीएमओ से कह रही हैं कि अगली बार इस तरह से बात करेंगे तो डॉक्टरों को खिंचवाकर थाने पर बैठा दूंगी।


 लोगों का कहना है कि जब एसडीएम को डॉक्टर के व्यवहार को लेकर मैनर्स सिखाने की बात कहनी पड़ रही है तो सोंचिए आम लोगों के प्रति डॉक्टर्स का व्यवहार कैसा होगा। कुछ दिन पहले जिले के दौरे पर आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आम लोगों के प्रति सहज व्यवहार रखने के निर्देश दिए थे। जिला अस्पताल में हुए इस मामले ने यह दर्शा दिया है कि यहां तो अफसरों की ही नहीं सुनी जा रही है। मामला एसडीएम को कुर्सी न देने सहित इलाज को लेकर बेपरवाही का बताया जा रहा है।


 जानकारी के अनुसार बीती रात एक युवती द्वारा जहर खाने के मामले में वह बयान लेने अस्पताल पहुंची थीं, जहां पर इमरजेंसी में तैनात इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने महिला अधिकारी एसडीएम सदर को न तो बैठने को कहा न ही युवती के इलाज को लेकर संतोष जनक जानकारी दी। जिस पर एसडीएम ने नाराजगी जताते हुए सीएमओ को फोन कर मामले की जानकारी दी।