Friday, 20 September 2024

शामली सभी मकान बिकाऊ हैं, लोगों ने आखिर क्यों दी सामूहिक पलायन की चेतावनी 2 समुदाय से जुड़ा है मामला


 शामली सभी मकान बिकाऊ हैं, लोगों ने आखिर क्यों दी सामूहिक पलायन की चेतावनी



2 समुदाय से जुड़ा है मामला



उत्तर प्रदेश शामली में बाल्मिकी समाज के कुछ लोगों ने सामूहिक पलायन की चेतावनी दे डाली। यहां चौसाना थानाक्षेत्र में ग्राम समाज की भूमि पर निर्माण कार्य रुकवाने और जमीन पर दूसरे संप्रदाय के लोगों द्वारा कब्जे के प्रयास का विरोध करते हुए पलायन करने का निर्णय ले लिया। चौसाना गांव के बाल्मिकी समाज के लोगों ने घरों पर सामूहिक पलायन, सारे मकान बिकाऊ हैं लिख दिया है। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। सभी ने कहा कि जल्द ही वह पलायन कर यहां से चले जाएंगे।


 दरअसल, चौसाना में दो संप्रदाय के लोगों के बीच ग्राम समाज की भूमि पर निर्माण को लेकर तनातनी चल रही है। एक पक्ष निर्माण वाली भूमि पर कुआं होने का दावा करता है जबकि दूसरा पक्ष यानी बाल्मिकी समाज के लोग प्रथम पक्ष पर निर्माण रोकने व भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं। गुरुवार को भी मामले के विरोध में बाल्मिकी समाज ने दूसरे सम्प्रदाय के लोगों पर धमकी देने का आरोप लगाया था। साथ ही गांव से पलायन की चेतावनी दी थी। अब समाज के लोगों ने मकानों पर 'सामूहिक पलायन, सारे मकान बिकाऊ हैं' लिख दिया है। कहा कि दूसरे संप्रदाय के लोगों के कारण वह जल्द ही पलायन कर लेंगे।


 चेतावनी देने वालों में कर्मवीर, सन्नी कुमार, अनुज कुमार, रिंकू शामिल रहे। एडीएम संतोष कुमार का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। टीम को गांव में भेजा जा रहा है।

आजमगढ़ पूर्व होते ही भाजपा नेता दिनेश लाल निरहुआ को भूल गया प्रशासन आजमगढ़ महोत्सव में नहीं दिया निमंत्रण, बिन बुलाये पहुंचे पूर्व सांसद भोजपुरी फिल्मी दुनिया के बड़े कलाकारों में से एक हैं दिनेश लाल यादव


 आजमगढ़ पूर्व होते ही भाजपा नेता दिनेश लाल निरहुआ को भूल गया प्रशासन


आजमगढ़ महोत्सव में नहीं दिया निमंत्रण, बिन बुलाये पहुंचे पूर्व सांसद


भोजपुरी फिल्मी दुनिया के बड़े कलाकारों में से एक हैं दिनेश लाल यादव



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ भाजपा के पूर्व सांसद व भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल निरहुआ को आजमगढ़ प्रशासन उनके चुनाव हारते ही भूल गया। जनपद में आयोजित हो रहे पांच दिवसीय आजमगढ़ महोत्सव में जहां विभिन्न जगहों से बड़े-बड़े कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। वहीं महोत्सव में भोजपुरी कलाकार व भाजपा के जनपद आजमगढ़ के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ को निमंत्रण न देना सवालिया निशान खड़ा कर दिया।


बताते चलें कि एक दिन पूर्व जनपद आजमगढ़ के सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा आजमगढ़ महोत्सव को लेकर अधिकारियों पर बड़ा तंज कसते हुए कहा गया था कि महोत्सव में समाजवादी पार्टी के नेताओं और प्रतिनिधियों को निमंत्रण नहीं दिया, शायद अधिकारियों को इस बात का डर था कि अगर वे समाजवादी पार्टी के नेताओं को निमंत्रण देंगे तो उन पर कार्यवाई हो सकती है या उनका तबादला कर दिया जायेगा। वहीं इस मामले में आजमगढ़ के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि उनको भी कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला था, लेकिन आजमगढ़ की बात है। आजमगढ़ में अच्छा कार्य हो रहा है तो वह उसमें शामिल होने से नहीं हिचकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व जो डीएम थे उन्होंने पहले जानकारी दी थी कि ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उनको निमंत्रण नहीं मिल पाया था। वह भी जौनपुर में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। कल ही शूटिंग खत्म हुई है। इसलिए वह आज यहां आ गए हैं।

आजमगढ़ भाजपा नेता और कोतवाल के बीच हुई तगड़ी बहस नेता का आरोप-अखिलेश यादव का प्रतिनिधि बन कर काम कर रहे हैं कोतवाल अधिकारियों को ज्ञापन सौंप की कोतवाल को सस्पेंड करने की मांग


 आजमगढ़ भाजपा नेता और कोतवाल के बीच हुई तगड़ी बहस


नेता का आरोप-अखिलेश यादव का प्रतिनिधि बन कर काम कर रहे हैं कोतवाल


अधिकारियों को ज्ञापन सौंप की कोतवाल को सस्पेंड करने की मांग



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सपा मुखिया द्वारा साधु संतों मठाधीशों की तुलना अपराधियों से करने के बयान का एफआईआर शहर कोतवाल द्वारा न दर्ज करने से नाराज आक्रोशित भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिबंस मिश्रा के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल डीएम कार्यालय पर मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधीक्षक के नाम से ज्ञापन देने पहुंचा था। दुर्भाग्य की बात यह की उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी घंटों इंतजार करने के बाद भी कोई अधिकारी भाजपा नेता का ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा, इससे नाराज भाजपा नेताओं ने डीएम कार्यालय पर सांकेतिक शांतिपूर्ण तरीके से वहां पर बैठ गए।


 हरबंस मिश्रा ने कहा बीते 5 दिनों पहले शहर कोतवाली में साधु संत मठाधीशों की तुलना अपराधियों से करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र कोतवाल को दिया गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जब भी कोतवाल से बात हुई वह टालमटोल करते रहे उनका कहना था कि कि मैं एफआईआर नहीं करूंगा, हमारी शिकायत जाकर करके मुझे हटवा दीजिए। हम लोगों के डीएम कार्यालय पर बैठे होने की सूचना पर शहर कोतवाल मौके पर आए और धमकी देने लगे कि आप लोग बिना परमिशन के धरने पर बैठे हैं हमारे द्वारा बताया गया कि आज सपा कार्यकतार्ओं द्वारा ढाई सौ दो चक्के गाड़ियों का जुलूस पूरे शहर में हुडदंग मचाते चिल्लाते हुए निकला है कई जगहों पर जाम लग गया क्या उन लोगों ने परमिशन ली थी आज यह नौबत नहीं आती अगर आपके द्वारा हमारी एफआईआर दर्ज हो जाती तो हम लोग यहां नहीं बैठते। श्री मिश्रा ने कहा कि शहर कोतवाल अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं, उनकी कार्यशैली अच्छी नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा मौके पर अधिकारीयो को भेजकर ज्ञापन लिया गया। अगर दोषी पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर 24 घंटे के अंदर एफआईआर नहीं दर्ज हुआ तो हम सभी लोग हजारों की संख्या में भारतीय जनता पार्टी के लोग धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे, इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। 


भाजपा जिला महामंत्री पिछड़ा वर्ग मोर्चा मिथिलेश चौरसिया ने कहा यहां का जिला प्रशासन समाजवादी पार्टी के इशारे पर चलता है जिसकी वजह से आजमगढ़ की भोली भाली जनता की समस्याओं की सुनवाई थानो कोतवाली तहसीलों में नहीं होती है जिसका जीता जागता प्रमाण सारा सबूत होते हुए भी सपा मुखिया के खिलाफ शहर कोतवाल द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा मजबूरन हमें न्यायपालिका का सहारा लेना पड़ेगा इसकी जांच किसी उच्च अधिकारी से कराकर हमारा एफआईआर दर्ज कर दोषी कोतवाल को तत्काल सस्पेंड किया जाए अन्यथा हम सभी लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करवाने को बाध्य होंगे। 


ज्ञापन देने वालों में संजीव सिंह बच्चा, रामनिवास सिंह, चंदन तिवारी, सूरज सिंह, शिवकुमार मौर्य, सतीश चौहान, जगतपाल सिंह, ओंकार पांडे, मिथिलेश चौरसिया, रविंद्र सिंह, श्रवण यादव, राम लवट राम, रामचंद्र गिरी ,रानू राजभर रहे।

लखनऊ एक आईपीएस और 7 डीएसपी के हुए तबादले आयुष श्रीवास्तव जौनपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक बने


 लखनऊ एक आईपीएस और 7 डीएसपी के हुए तबादले



आयुष श्रीवास्तव जौनपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक बने



उत्तर प्रदेश लखनऊ डीजीपी मुख्यालय ने बृहस्पतिवार को एक आईपीएस और सात डीएसपी रैंक के सात अफसरों का तबादला कर दिया।


 डीजीपी मुख्यालय में प्रतिक्षारत चल रहे वर्ष 2021 बैच के आईपीएस आयुष श्रीवास्तव को जौनपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं, पीपीएस अफसरों के तबादले में सुल्तानपुर में सीओ शिवम मिश्रा को डीजीपी मुख्यालय भेजा गया है। इसी तरह डीजीपी मुख्यालय में तैनात डीएसपी रेखा बाजपेई को प्रशिक्षण निदेशालय भेजा गया है। उप्र पावर कॉर्पोरेशन, प्रयागराज में तैनात योगेंद्र कृष्ण नारायन को हाथरस में सीओ बनाया गया है। हाथरस में तैनात गोपाल सिंह को 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद भेजा गया है।बाराबंकी में सीओ डॉ. बीनू सिंह को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भेजा गया है। मेरठ में तैनात सौरभ सिंह को बांदा भेजा गया है। गौतमबुद्धनगर में सहायक पुलिस आयुक्त सौरभ श्रीवास्तव को बाराबंकी में तैनात किया गया है।