Wednesday, 10 September 2025

आजमगढ़ लालगंज विदेश में हैं जमीन का मालिक, बैनामा करने पहुंच गये जालसाल सब-रजिस्ट्रार के सवालों पर हकीकत आई सामने, मौके से भागे आरोपी


 आजमगढ़ लालगंज विदेश में हैं जमीन का मालिक, बैनामा करने पहुंच गये जालसाल




सब-रजिस्ट्रार के सवालों पर हकीकत आई सामने, मौके से भागे आरोपी




उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के लालगंज तहसील परिसर में मंगलवार की शाम एक फर्जी बैनामा होने से सब-रजिस्ट्रार सुनील कुमार की सजगता के कारण बच गया। घटना की चर्चा बुधवार को तहसील परिसर में जोरों पर रही। 


जानकारी के अनुसार, तहसील क्षेत्र के सरावां गांव निवासी शिवकुमार, पुत्र रामनरायन, जो रोजी-रोटी के सिलसिले में विदेश में रहते हैं, की जमीन (आराजी नंबर 183, रकबा 1.0820 हेक्टेयर) के उनके आधे हिस्से को 12 लाख रुपये में बेचने का फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया था। दस्तावेज में क्रेता के रूप में सुभाषा देवी, पत्नी ओमप्रकाश (भोजूबीर, वाराणसी) और रामबाबू पटेल, पुत्र मनोज (बनपुरवा, वाराणसी) का नाम था, जबकि गवाहों में छविनाथ, पुत्र मोनू और आकाश यादव, पुत्र राजन (कसड़ा, पतेरवा, राजातालाब, वाराणसी) शामिल थे। लेन-देन 12 लाख रुपये बैंक के माध्यम से दशार्या गया था। मंगलवार शाम को दस्तावेज पंजीकरण के लिए पेश किया गया, लेकिन सब-रजिस्ट्रार सुनील कुमार ने दस्तावेजों की बारीकी से जांच शुरू की। उन्होंने बिक्रेता से आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक मांगी। जांच के दौरान पैन कार्ड पुराना निकला और उसमें मौजूद फोटो में बिक्रेता द्वारा पहनी गई शर्ट वही थी, जो कथित बिक्रेता ने उस समय पहन रखी थी। इस पर सब-रजिस्ट्रार ने शर्ट के बारे में सवाल किए, जिससे जालसाजों को शक हुआ और वे धीरे-धीरे बहाना बनाकर मौके से फरार हो गए। क्रेता के मौजूद न होने और समय की कमी के कारण बैनामा पंजीकृत नहीं हो सका।


 अधिवक्ता ने अगले दिन दस्तावेज पेश करने की बात कहकर दस्तावेज ले लिया। बाद में पता चला कि शिवकुमार विदेश में हैं और बैनामा पूरी तरह फर्जी था। इस घटना में शामिल सभी लोग और अधिवक्ता वाराणसी से आए थे।

आजमगढ़ सठियांव लाखों के गबन के आरोप में बीएमएम की सेवा समाप्त महिलाओं की शिकायत के बाद जांच में संदीप गुप्ता पाए गए दोषी


 आजमगढ़ सठियांव लाखों के गबन के आरोप में बीएमएम की सेवा समाप्त



महिलाओं की शिकायत के बाद जांच में संदीप गुप्ता पाए गए दोषी



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत सठियांव ब्लॉक में लाखों रुपये के गबन के मामले में ब्लॉक मिशन मैनेजर (बीएमएम) संदीप गुप्ता की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। ग्राम पंचायत अवांव, केरमा और लोहरा की महिलाओं की शिकायत के बाद जांच में संदीप गुप्ता प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए।



राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास उप्र. के संयुक्त मिशन निदेशक जनमेजय शुक्ला ने आयुक्त आजमगढ़ मंडल के निर्देश पर गठित जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर यह कार्रवाई की। खंड विकास अधिकारी सठियांव और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुई जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।


जांच में पाया गया कि बीएमएम संदीप गुप्ता ने महिला स्वयं सहायता समूहों से अवैध वसूली की, मानदेय वितरण में गड़बड़ी की और अभद्र व्यवहार किया। शिकायतकर्ता मोनू सिंह से बीमा के नाम पर 8,000 रुपये लिए गए, जिसका बीएमएम कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। प्रीति तिवारी ने पदाधिकारियों के मनमाने बदलाव और बैंक सखी सुगंता देवी को अनुचित लाभ पहुंचाने की शिकायत की, जो सही पाई गई।


प्रमिला देवी ने आरोप लगाया कि उनके समूह से 50,000 रुपये निकाले गए, जिसमें से 45,000 रुपये बीएमएम ने अपने पास रख लिए। प्रियंका कुमारी ने वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत किया, जिसमें मानदेय से 9,000 रुपये बीएमएम को देने की पुष्टि हुई। सहायक विकास अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि समूह की महिलाएं लगातार संदीप गुप्ता के खिलाफ शिकायत करती रही हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि सुगंता देवी को बार-बार मानदेय दिलाया गया, जबकि अन्य बैंक सखियों का भुगतान रोका गया। जांच समिति ने बीएमएम द्वारा प्रस्तुत आख्या को मनगढ़ंत और तथ्यहीन करार दिया। इसके आधार पर संदीप गुप्ता को दोषी ठहराया गया और प्रकरण को आगे की कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है।