Wednesday, 14 May 2025

आगरा लुटेरी दुल्हन को आजीवन कारावास की सजा शादी के 3 दिन बाद पति को जहर देकर मार डाला, जेवरात लेकर हो गई थी गायब


 आगरा लुटेरी दुल्हन को आजीवन कारावास की सजा


शादी के 3 दिन बाद पति को जहर देकर मार डाला, जेवरात लेकर हो गई थी गायब



उत्तर प्रदेश, आगरा में शादी के तीन दिन बाद ही लुटेरी दुल्हन ने पति को जहर देकर मार दिया था। बाद में घर से रात को ही नकदी और जेवरात लेकर फरार हो गई। अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर उत्तराखंड के जिला उधमपुर के थाना कुंडा क्षेत्र के गांव बैली जोड़ी निवासी मृतक की पत्नी तारा उर्फ रुबीना को दोषी पाया। एडीजे-21 विराट कृष्ण श्रीवास्तव ने दोषी को आजीवन कारावास के साथ 75 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।


थाना जगदीशपुरा में आवास विकास सेक्टर-4 निवासी मृतक की बहन विशेषा देवी ने 25 मई 2016 को थाने में तहरीर दी थी। आरोप लगाया था कि छोटा भाई निर्मल सिंह 21 मई को उत्तराखंड के जिला उधमपुर के थाना कुंडा क्षेत्र के गांव बैली जोड़ी निवासी तारा से विवाह कर उसे घर लेकर आया था। घर में खुशी का माहौल था। 25 मई 2016 की सुबह उनका भतीजा भारत पिता को कमरे में जगाने गया था। वह बेड पर पड़े थे।


यह देख उसकी चीखें निकल गई। शोर सुनकर पड़ोस के लोग घर आ गए। भाई निर्मल को निजी अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घर से पत्नी तारा और नकदी व जेवरात भी गायब थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उत्तराखंड से तारा को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि तारा का असली नाम रुबीना था। वह पूर्व से ही शादीशुदा थी। वह ज्यादा उम्र के अविवाहित लोगों को जाल में फंसाकर उनसे शादी करती।


मौका मिलते ही ससुराल से नकदी और जेवरात लेकर फरार हो जाती थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहर से हत्या की पुष्टि हुई थी। अभियोजन की तरफ से विशेषा देवी, मृतक के पुत्र भारत, डॉक्टर प्रभात सिंह, पुलिस कर्मी धारा सिंह, एसओ तेजबहादुर सिंह, एसआई राजीव कुमार और विधि विज्ञान प्रयोशाला के अधिकारी कर्नल कुंवर प्रताप सिंह को गवाही के लिए अदालत में पेश किया गया।

आजमगढ़ निजामाबाद सबइंस्पेक्टर सहित 3 पुलिसकर्मी निलंबित अवैध असलहा लहराने के वायरल वीडियो मामले में एसएसपी ने की कारवाई


 आजमगढ़ निजामाबाद सबइंस्पेक्टर सहित 3 पुलिसकर्मी निलंबित



अवैध असलहा लहराने के वायरल वीडियो मामले में एसएसपी ने की कारवाई


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के कुजियारी गांव में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ युवकों द्वारा अवैध असलहा लहराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हेमराज मीना ने सख्त कार्रवाई की है। इस मामले में जांच के बाद सबइंस्पेक्टर सुधीर पांडेय, हेड कांस्टेबल राकेश तिवारी और सौरभ पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।


वायरल वीडियो में युवकों को असलहा लहराते देखा गया था, जिसके बाद एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निज़ामाबाद थाना प्रभारी हीरेंद्र प्रताप सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान अन्य थानों से पुलिस बल बुलाकर वीडियो में दिखाई देने वाले आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार कर निज़ामाबाद थाने लाया गया।


हालांकि, घटना के 24 दिन बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों पर मोबाइल के माध्यम से पैसे लेने और अन्य सामान हड़पने के गंभीर आरोप लगाए गए। परिवार ने इसके समर्थन में एक वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की। इन साक्ष्यों की जांच के बाद आरोपों को सत्य पाया गया, जिसके आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।


निलंबित पुलिसकर्मियों ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को एकतरफा और गलत बताया है। उनका दावा है कि प्रस्तुत साक्ष्य झूठे हैं या तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं। मामले की उच्चस्तरीय जांच जारी है, जिसमें तकनीकी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपों की पुष्टि की जा रही है।


एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि उक्त पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति को अवैध तमंचे के साथ पकड़ा था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया और पैसे की मांग की। जांच में इन आरोपों की पुष्टि होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई।

आजमगढ़ सपा विधायक रमाकांत यादव सहित 4 को 3 माह की सजा पवई चौराहा अवरुद्ध करने का मामला


 आजमगढ़ सपा विधायक रमाकांत यादव सहित 4 को 3 माह की सजा




पवई चौराहा अवरुद्ध करने का मामला


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पवई चौराहे पर सड़क अवरुद्ध करने के 19 साल पुराने मामले में जनपद के चिह्नित माफिया, पूर्व सांसद और सपा विधायक रमाकांत यादव सहित चार दोषियों को मंगलवार को सजा सुनाई गई। सिविल जज सीनियर डिवीजन व एमपी-एमएलए कोर्ट ने रमाकांत यादव, दयाराम भाष्कर, रामकिशुन राजभर और रामकृपाल को 3-3 माह के कारावास और 1300-1300 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

घटना 5 अप्रैल 2006 की है, जब रमाकांत यादव ने 200-250 समर्थकों के साथ पवई चौराहे पर टेंट लगाकर कलान-अजमगढ़ और मित्तूपुर मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। इससे आम जनता को आवागमन में भारी परेशानी हुई और प्रशासनिक कार्य बाधित हुए। तत्कालीन थानाध्यक्ष पवई मूलचंद चौरसिया की तहरीर पर पवई थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।


अभियोजन पक्ष ने तीन गवाहों की गवाही और ठोस साक्ष्यों के आधार पर मामला मजबूत किया। कोर्ट ने रमाकांत यादव (निवासी सरांवा, थाना दीदारगंज), दयाराम भाष्कर (निवासी मैनुद्दीनपुर, थाना पवई), रामकिशुन राजभर (निवासी गद्दोपुर, थाना पवई) और रामकृपाल (निवासी बस्ती चक गुलरा, थाना पवई) को दोषी ठहराया। कोर्ट ने आईएस-133 गैंग के लीडर रमाकांत यादव सहित चारों को सजा सुनाई।

पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने इसे ऑपरेशन कनविक्शन की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि जनपद पुलिस माफिया और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगी। यह सजा कानून के प्रति जनता का विश्वास और मजबूत करेगी।