Saturday, 19 April 2025

आजमगढ़ रानी की सराय मार्ग दुर्घटना में थाने के चौकीदार की हुई मौत घर से बाजार जाते समय हुआ हादसा


 आजमगढ़ रानी की सराय मार्ग दुर्घटना में थाने के चौकीदार की हुई मौत



घर से बाजार जाते समय हुआ हादसा



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के रानी की सराय थाना क्षेत्र के कोटिला बाजार में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से थाने के चौकीदार की मौत हो गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


 थाना क्षेत्र के कोटिला गांव निवासी अमरजीत राम 45 वर्ष पुत्र रामदेव जो रानी की सराय थाने पर चौकीदार थे। शनिवार को सुबह घर से बाइक से रानी की सराय की ओर जाने के लिए निकले। ज्यों ही बाजार में हाइवे पर पहुंचे अज्ञात वाहन की चपेट में आ गये। घटना की जानकारी होने पर आस पास के लोग पहुंचे और उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना से परिजनों में कोहराम मचा है।

आजमगढ़ मेंहनगर 2 स्थानों पर टूटा तटबंध, सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल व भूसा बर्बाद बिना सीजन व शेड्यूल के राजवाहा में पानी आने से किसानों में आक्रोश अभियंता बोले किसानों की मांग पर तो अवर अभियंता बोले जलसंचयन के लिए आया पानी


 आजमगढ़ मेंहनगर 2 स्थानों पर टूटा तटबंध, सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल व भूसा बर्बाद



बिना सीजन व शेड्यूल के राजवाहा में पानी आने से किसानों में आक्रोश


अभियंता बोले किसानों की मांग पर तो अवर अभियंता बोले जलसंचयन के लिए आया पानी


उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ मेंहनगर शारदा सहायक खण्ड-23 ठेकमा राजवाहा में शुक्रवार की रात्रि बिना शेड्यूल व सीजन के पानी आने तथा अलग-अलग दो स्थानों पर तटबंध टूटने से सैकड़ों बीघा गेहूं की खड़ी व कटी फसल में पानी भर गया। फसलें डूबने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई।


बताते चलें कि शुक्रवार की रात्रि एकाएक राजवाहा में पानी आ जाने की वजह से कस्बे के वार्ड नं-1 रविदास नगर नइकी पोखरे व सरदारगंज गांव के पूर्वी सिवान के दक्षिणी भाग के तटबंध टूटने से किसानों के पूरे वर्ष के खाने का निवाले व गाढ़ी कमाई पानी में डूब गई। दौलतपुर प्रधान जितेंद्र यादव व सरदारगंज के प्रधान रामनरायन सरोज 'जमालू' सहित किसानों ने कहा कि बिना सीजन व शेड्यूल का राजवाहा में पानी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है, बिना मौसम के बरसात से किसानों की कटाई-मढ़ाई लगभग पचहत्तर प्रतिशत नहीं हो पाई थी, बरसात बाद लगातार पुरवा हवा ने कटाई-मढ़ाई की रप्तार रोक दी है। 


कस्बे के वार्ड नं -1 रविदास नगर स्थित नइकी पोखरे के पास तटबंध टूटने से कस्बे सहित दौलतपुर के कुसहा पुरवा के दक्षिणी भाग के किसानों में क्रमश: कन्ता यादव, रामचन्द्र यादव सहित खड़ी फसल व रैपर से काटी गई गेहूँ फसल के अलावा पशुओं का निवाला पानी में बह गया। ग्राम प्रधान व वार्ड के सभासद पति रामबचन ने बताया कि करीब 20 बीघा का नुकसान हुआ है।


दूसरी तरफ सरदारगंज ग्राम प्रधान ने कहा कि शुक्रवार की रात्रि एक कार्यक्रम से वापस गांव आ रहा था तो चार पहिया के उजाले से देखा कि रात्रि पौने बारह बजे लगभग राजवाहा का तटबंध टूटा हुआ था, रात्रि में सम्बंधित अवर अभियंता से सम्पर्क साधना चाहा तो संपर्क नहीं हो सका। दर्जनों की संख्या में ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुँचा, मौके पर गेहूँ की फसल देख किसानों के आँख आंसू आ गया।


शारदा सहायक खंड -23 ठेकमा राजवाहा के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र कुमार ने कहा कंचनपुर के किसानों की मांग पर पानी मंगवाया गया था, तटबंध टूटने की जैसे ही जानकारी हुई तत्काल प्रभाव से ऊपर से बंद करवा दिया गया है। वही अवर अभियंता दिनेश कुमार ने कहा कि पोखरों में जलसंचयन के लिए पानी ऊपर से छोड़ा गया था, रही बात तटबंध टूटने की तो जेसीबी मशीन व मजदूरों के सहयोग से बांधा जा रहा हैं।

आजमगढ़ लाइफ लाइन हॉस्पिटल ने फिर किया चमत्कार ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही गर्भवती महिला को दिया नया जीवन ''अवेक ब्रेन सर्जरी" यानी मरीज को होश में रखते हुए पूरी टीम ने बेहद जटिल ऑपरेशन को दिया अंजाम


 आजमगढ़ लाइफ लाइन हॉस्पिटल ने फिर किया चमत्कार


ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही गर्भवती महिला को दिया नया जीवन


''अवेक ब्रेन सर्जरी" यानी मरीज को होश में रखते हुए पूरी टीम ने बेहद जटिल ऑपरेशन को दिया अंजाम


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का नामचीन लाइफ लाइन हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अपने अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और कुशल चिकित्सकीय टीम के बल पर यह अस्पताल लगातार असंभव को संभव कर दिखा रहा है। देश ही नहीं, विदेशों से भी मरीज यहां उपचार के लिए आते हैं और स्वस्थ होकर मुस्कुराते हुए अपने घर लौटते हैं। इसी कड़ी में अब एक और असाधारण उपलब्धि इस अस्पताल के नाम जुड़ गई हैं. जिसमें एक गर्भवती महिला को न केवल नई जिंदगी मिली, बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु को भी पूरी तरह सुरक्षित रखा गया।


गाजीपुर जिले के वाजिदपुर पूर्वा गांव की 27 वर्षीय रोशनी यादव की शादी एक साल पूर्व हुई थी। कुछ महीने पहले जब रोशनी ने गर्भधारण किया, तो परिवार में खुशियों का माहौल था। लेकिन इसी बीच रोशनी को अचानक मिर्गी के झटके आने लगे, जिससे परिवार चिंतित हो उठता कई जगह दिखाने के बाद जब कोई ठोस समाधान नहीं मिला, तो परिजनों ने उसे आजमगढ़ के प्रसिद्ध लाइफ लाइन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा के लिए सीटी स्कैन की जांच संभव नहीं थी, अतः प्रारंभिक जांच के बाद जब उसे MRI के लिए भेजा गया, तो जो रिपोर्ट सामने आई वह चौंकाने वाली थी रोशनी के मस्तिष्क के बाएं हिस्से में एक जटिल स्थिति वाला ट्यूमर पाया गया। हालत ऐसी थी कि यदि ट्यूमर का ऑपरेशन किया जाता, तो रोशनी को दाहिने हाथ-पैर में लकवा मारने और उसकी आवाज हमेशा के लिए चले जाने का खतरा था।


 ऑपरेशन की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह ने न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डॉ गायत्री कुमारी एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पुनम यादव व (वासदेई अस्पताल) के साथ साझा किया। दोहरी चुनौती थी- एक तरफ मां की जान, दूसरी तरफ गर्भमें पल रहे शिशु की सुरक्षा। पारंपरिक ऑपरेशन में जहां मरीज को बेहोश किया जाता है, वहीं इस मामले में बेहोशी दवाओं से भ्रूण को खतरा था। इस बात को तय करने के लिए गर्भस्थ शिशु पूरी तरह स्वस्थ हैं। डॉक्टरों ने एक असाधारण फैसला लिया "अवेक ब्रेन सर्जरी" यानी मरीज को होश में रखते हुए पूरी टीम ने हाईटेक ब्रेन मैपिंग, माइक्रोस्कोप, नेविगेशन सिस्टम और मॉडर्न एनेस्थीसिया तकनीक की मदद से बेहद जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया। 


इस टीम में डॉक्टर अनुप कुमार सिंह, डॉक्टर गायत्री कुमारी के अलावा न्यूरोसर्जन डॉक्टर आकाश रामभाऊ डागत, डॉक्टर विकास वर्मा तथा समस्त ऑपरेशन थियेटर के सहयोगी शामिल थे। ऑपरेशन के दौरान सबसे हैरतअंगेज बात यह रही कि रोशनी पूरे समय होश में रही और हनुमान चालीसा का पाठ करती रही। वह अपने दोनो हाथ-पैर हिलाकर डॉक्टरों को बताती रही कि उसकी चेतना सही है और कोई लकवा नहीं हुआ है। यह सर्जरी तकनीक और मानवीय समर्पण का अद्भुत संगम थी।


ऑपरेशन के बाद रोशनी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इस सफलता ने रोशनी और उसके परिवार को वह खुशी दी है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। अब पूरा परिवार लाइफ लाइन हॉस्पिटल की टीम का बार-बार धन्यवाद कर रहा है। लाइफ लाइन हॉस्पिटल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब चिकित्सा विज्ञान समर्पण और संवेदना से जुड़ता है, तो चमत्कार भी मुमकिन हो जाते हैं।