आजमगढ़ फर्जी सूचना आयोग अधिकारी और राजभवन सचिव बनकर विभिन्न ग्राम प्रधानों से की लाखों रुपये की ठगी
लाखों की ठगी का खुलासा, साइबर ठग गिरफ्तार
पुलिस ने 2 मोबाइल और 3200 रुपये नगद किए बरामद
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद की पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी सूचना आयोग अधिकारी और राजभवन सचिव बनकर राज्य के विभिन्न ग्राम प्रधानों से लाखों रुपये की ठगी करता था। अभियुक्त की पहचान पंकज यादव (32 वर्ष), निवासी रामसनेही घाट, बाराबंकी के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके पास से 2 मोबाइल फोन और 3200 रुपये नगद बरामद किए हैं।
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम) विवेक त्रिपाठी के मार्गदर्शन में साइबर थाना पुलिस ने 13 जुलाई 2025 को की। अभियुक्त ने ग्राम गोछा के प्रधानपति मो. आरिफ खान से 26 अक्टूबर 2024 को फर्जी राजभवन सचिव हर्षवर्धन सिंह राठौर (IAS) बनकर 8,26,995 रुपये की ठगी की थी। इस मामले में थाना साइबर क्राइम में मुकदमा संख्या 41/2024 दर्ज किया गया था।
पंकज यादव ने पूछताछ में बताया कि वह NIC की वेबसाइट से ग्राम प्रधानों और पूर्व प्रधानों की सूची निकालकर उनसे संपर्क करता था। फर्जी अधिकारी बनकर भ्रष्टाचार और जांच के नाम पर डराकर वह प्रधानों से अपने और जनसेवा केंद्र के खातों में पैसे जमा करवाता था। गोछा के प्रधान को उसने सरकारी टैक्स के नाम पर गुमराह कर 8,26,995 रुपये जमा करवाए। विवेचना के दौरान अभियुक्त का नाम सामने आने पर पुलिस ने उसके ठिकानों पर दबिश दी। पकड़े जाने के डर से पंकज विभिन्न राज्यों में छिपता रहा और अपनी मृत्यु की झूठी खबर फैलाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने मृत अवस्था की फोटो खींचकर गांव वालों और पुलिस को भेजी थी। इसके बावजूद, साइबर थाना पुलिस ने उसे रानी की सराय, सेमरहा अंडरपास के पास सर्विस लेन से धर दबोचा।
गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह, उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रसाद यादव, और कॉन्स्टेबल विशाल यादव, एजाज खान, सभाजीत मौर्य, और महिपाल यादव शामिल थे।