आजमगढ़ निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग अनिवार्य
उल्लंघन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना, स्कूल प्रबंधक और प्रधानाध्यापक होंगे जिम्मेदार-बीएसए
उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों के उपयोग पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। यह आदेश उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें निजी स्कूलों और प्रकाशकों के बीच सांठ-गांठ की बात सामने आई थी। इस सांठ-गांठ के कारण अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा था।
उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष युधिष्ठिर दूबे और प्रदेश महासचिव गोविंद दूबे ने समन्वित जन शिकायत पोर्टल के माध्यम से 3 अप्रैल को जिलाधिकारी, जो स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क समिति के अध्यक्ष भी हैं, को एक शिकायती पत्र सौंपा था। पत्र में आरोप लगाया गया कि निजी स्कूल प्रबंधक और निजी प्रकाशकों की मिलीभगत से स्कूलों में महंगी निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाई जा रही हैं। इससे अभिभावकों को अत्यधिक खर्च वहन करना पड़ रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
शिकायत के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जनपद के सभी अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, और अन्य निजीतंत्र के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाध्यापकों को सख्त निर्देश जारी किए कि स्कूलों को एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का उपयोग या छात्रों को बुक सेलर से किताबें खरीदने के लिए बाध्य करने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियम) अधिनियम, 2018 के तहत पहली बार 1 लाख रुपये का जुमार्ना लगाया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधक और प्रधानाध्यापक की होगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।