Sunday, 27 April 2025

आजमगढ़ पवई गोवंश अवशेष मिलने से मचा हड़कंप अवशेष का नमूना लेने के बाद गड्ढा खोदकर किया गया दफना


 आजमगढ़ पवई गोवंश अवशेष मिलने से मचा हड़कंप



अवशेष का नमूना लेने के बाद गड्ढा खोदकर किया गया दफना



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के पवई थाना क्षेत्र के चकधुधुरी गांव में नहर की पुलिया के पास रविवार सुबह एक जूट के बोरे में कटे हुए गोवंश का अवशेष और उसका सिर मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। इस घटना से गुस्साए ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। सूचना मिलते ही पवई थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।


ग्रामीणों से पूछताछ में अवशेष के फेंके जाने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। लोगों का कहना था कि अवशेष को कहीं और से लाकर यहां फेंका गया है। पुलिस ने सरकारी पशु चिकित्सक को बुलाया, जिन्होंने अवशेष का नमूना लिया। इसके बाद थानाध्यक्ष की मौजूदगी में ग्रामीणों के सामने अवशेष को गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। पवई पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। 


थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस इस घटना के पीछे के कारणों और दोषियों का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है। इस घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है, और ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

आजमगढ़ फूलपुर एसडीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियां विवादित जमीन पर पुलिस की मेहरबानी से जारी निर्माण



 आजमगढ़ फूलपुर एसडीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियां




विवादित जमीन पर पुलिस की मेहरबानी से जारी निर्माण


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के फूलपुर तहसील के हाजीपुर गांव में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) के स्पष्ट आदेश के बावजूद विवादित जमीन पर निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। आरोप है कि अम्बारी पुलिस चौकी की शह पर एक पक्ष द्वारा नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कराया जा रहा है। पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर पक्षपात और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं।


पीड़ित अतुल और राजेंद्र, पुत्र कोमल यादव, ने एसडीएम फूलपुर से शिकायत की थी कि उनके सहखातेदार रविंद्र नाथ यादव, पुत्र कोमल यादव, विवादित जमीन पर जबरन निर्माण करा रहे हैं। यह मामला धारा 116 के तहत बटवारे का है और फूलपुर तहसील न्यायालय में लंबित है, जिसकी अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। एसडीएम सन्त रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्माण कार्य रोकने और पुलिस, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल को नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके, निर्माण कार्य निर्बाध जारी है।


पीड़िता मनभावता ने आरोप लगाया कि अम्बारी पुलिस चौकी के इंचार्ज और पुलिसकर्मी एकतरफा कार्रवाई कर रहे हैं। उनका दावा है कि पुलिस ने उनके परिवार को बेरहमी से पीटा, जबकि सहखातेदार रविंद्र यादव को कोई टोकाटाकी नहीं की गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस पैसे लेकर निर्माण कार्य करवा रही है।


उपजिलाधिकारी सन्त रंजन ने कहा, "निर्माण कार्य रोकने का आदेश पहले ही दिया गया था। यदि आदेश का उल्लंघन हो रहा है, तो जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।


हाजीपुर गांव में विवादित जमीन पर जारी निर्माण और पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। पीड़ित पक्ष न्याय की गुहार लगा रहा है, जबकि मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल 2025 को होनी है। अब देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है।