Thursday, 28 November 2024

एटा योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, फर्जी ढंग से नौकरी लेने वाले कलेक्ट्रेट के 24 बाबू बर्खास्त सैलरी के पैसे की रिकवरी के आदेश भी जारी


 एटा योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, फर्जी ढंग से नौकरी लेने वाले कलेक्ट्रेट के 24 बाबू बर्खास्त



सैलरी के पैसे की रिकवरी के आदेश भी जारी



उत्तर प्रदेश के एटा में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। 30 वर्ष पहले फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले कलक्ट्रेट के 24 बाबू बर्खास्त कर दिए गए हैं। 1993 से 1995 के बीच बिना किसी सरकारी आदेश के इनको नियुक्त किया गया था। इनमें से 13 एटा के तो 11 कासगंज के हैं (तब कासगंज, एटा जिले में ही शामिल था)। इनमें से 15 लिपिक तो सेवानिवृत्त भी हो चुके है। इन सभी से सैलरी के पैसे की रिकवरी के आदेश जारी किए गए हैं।


बता दें कि योगी सरकार की एक कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. योगी सरकार ने एक साथ 24 बाबुओं (क्लर्क) को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इन पर आरोप है कि ये बाबू 30 साल पहले फर्जी तरीके से नौकरी पाए थे. जब जांच हुई तो पाया गया कि इन लोगों को 1993 से 1995 के बीच बिना किसी सरकारी आदेश के नौकरी दे दी गई. चूंकि तब कासगंज जिला एटा जिले में ही था तो इन 24 की नियुक्ति भी एटा में थी. अब इनमें से 11 कासगंज कलेक्ट्रेट में तैनात थे. वहीं 24 में 15 तो रिटायर हो चुके हैं.


बात 1995 की है. जब एटा के डीएम रहे मेजर आरके सिंह को उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद का एक पत्र मिला. इस पर में इन 24 लोगों की नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे. पत्र के आधार पर डीएम मेजर आरके सिंह ने सभी को नियुक्ति दे दी. नियुक्ति के बाद सभी ने जॉइन भी कर लिया और कलेक्ट्रट में ड्यूटी करने लगे. चार साल बाद डीएम को एक शिकायती पत्र मिला. इस शिकायती पत्र में नौकरी के आदेश को फर्जी बताया गया.

इस पर तब के जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद से भेजे गए नियुक्ति पत्र के बारे में पूछा. जवाब मिला कि परिषद ने तो किसी प्रकार का कोई पत्र नहीं भेजा था. न ही नियुक्ति के संबंध में कोई आदेश जारी हुआ था. जब ये बात जिले के अधिकारियों को पता चली तो वह दंग रह गए. ऐसा फर्जीवाड़ा देख राजस्व परिषद के भी कान खड़े हो गए. राजस्व परिषद ने डीएम को जांच के निर्देश दिए.

हालांकि, डीएम की जांच का कोई फायदा नहीं हुआ. ये मामला जितनी तेजी के साथ उठा, उतनी ही तेजी के साथ दब भी गया. जांच भी धीरे-धीरे ठंडी पड़ गई. सभी 24 बाबू आराम से अपनी नौकरी करने लगे. 27 साल बाद 2019 में फिर इन बाबुओं की नियुक्ति को लेकर एक पत्र लिखा गया. ये पत्र सीधे अलीगढ़ कमिश्नर को लिखा गया. जब कमिश्नर ने पत्र पढ़ा तो उन्होंने एटा के डीएम रहे सुखलाल भारती को जांच के आदेश दिए.


डीएम सुखलाल भारती ने जब नियुक्ति से संबंधित पत्रावली तबल की तो फाइल ही कलेक्ट्रेट से गायब मिली. इन बाबुओं से पूछा गया तो वह भी कुछ बताने से कतराते रहे. चूंकि बिना पत्रावली के जांच संभव नहीं तो डीएम ने अपने तरीके से इसकी जांच कराई. जांच में सारा सच सामने आ गया. अब डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर इन 24 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. खास बात यह है कि इनमें से 11 बाबू कासगंज कलेक्ट्रेट में तैनात थे. वहीं 15 रिटायर हो चुके थे. कुल 9 बाबू ही वर्तमान में ड्यूटी पर थे. एटा जिले के एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश ने बताया कि इन सभी से रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है. वहीं जो पेंशन का लाभ ले रहे थे, उनके पेंशन रोकने का आदेश और पिछले भुगतानों की रिकवरी का आदेश दिया गया है।

मिर्जापुर दरवाजे पर खड़ी थी बड़े भाई की बारात, छोटा भाई लड़की लेकर हुआ फरार मंगल गीत के बीच मामला पहुंचा थाने


 मिर्जापुर दरवाजे पर खड़ी थी बड़े भाई की बारात, छोटा भाई लड़की लेकर हुआ फरार



मंगल गीत के बीच मामला पहुंचा थाने



उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले मे शादी-बारात और प्रेम-प्रसंग के कई मामले सुने और देखे होंगे, लेकिन यूपी के मिर्जापुर जिले से जिस तरह का मामला सामने आया है वह बेहद ही चौंकाने वाला है। यहां एक व्यक्ति की बारात दरवाजे पर निकलने के लिए खड़ी थी। महिलाएं मंगलगीत गा रही थीं। इसी बीच युवक के छोटे भाई ने ऐसा कारनामा कर डाला जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। दरअसल दूल्हे का छोटा भाई पड़ोस की लड़की को लेकर फरार हो गया। जानकारी होने पता चला कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। लड़की की मां ने मंगलवार की शाम को राजगढ़ थाना पर तहरीर देकर आरोपी युवक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। 


मामला राजगढ़ थाना क्षेत्र का है। यहां एक गांव में युवक की शादी के लिए बारात निकलने को तैयार थी। घर में खुशी का माहौल था। दरवाजे पर डीजे बज रहा था। घर की महिलाएं हसीं खुशी मंगलगीत गा रही थीं। सगे संबंधियों सहित रिश्तेदार बारात जाने की तैयारी कर रहे थे। दूल्हा भी अपनी दुल्हन से ब्याह रचाने को बेताब था। घर से बारात निकलने ही वाली थी, सोहबल्ला बने दूल्हे का छोटा भाई घर पर दिखाई नही दे रहा था। घर के सदस्य उसे खोजते हुए आसपास के लोगों से पूछताछ करने लगे। पर उसका कहीं अतापता नहीं चला। बावजूद इसके घर के लोग बारात लेकर निकल पड़े।


बारात जाने के बाद महिलाएं युवक के बारे में पूछताछ करने लगीं। इसी दौरान जानकारी हुई की दूल्हे के छोटा भाई गांव की ही गैर बिरादरी की किशोरी से प्रेम करता था। जिसे बड़े भाई की शादी के दिन ही लेकर फरार हो गया। जानकारी होने पर किशोरी की मां आरोपी युवक के विरुद्ध तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में राजगढ़ थानाध्यक्ष महेंद्र पटेल ने बताया कि एक महिला द्वारा उसकी पुत्री को भगाने का गांव के ही युवक पर आरोप लगाया गया है। आरोपी युवक व किशोरी की तलाश की जा रही है। जल्द ही दोनो पकड़ लिए जाएंगे।

आजमगढ़ मेंहनगर मौत नहीं, की गई विवाहिता की हत्या परिजनो ने लगाया आरोप, कहा 2 साल पूर्व हुआ था प्रेम विवाह


 आजमगढ़ मेंहनगर मौत नहीं, की गई विवाहिता की हत्या


परिजनो ने लगाया आरोप, कहा 2 साल पूर्व हुआ था प्रेम विवाह



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मे मेंहनगर थाना क्षेत्र के बाबू की खजूरी गांव में विवाहिता की मौत के मामले में मोर्चरी हाउस पर पहुंचे विवाहिता की मां और बहन ने हत्या का आरोप लगाया है। विवाहिता ने दो साल पूर्व पैतृक गांव में प्रेम विवाह किया था। सोमवार की शाम में विवाहिता घर के भीतर फंदे से लटकी मिली थी।


मेंहनगर थाना क्षेत्र के बाबू की खजूरी गांव निवासी विनय कुमार सिंह परिवार सहित मुंबई में रहते हैं। परिवार के लोगों का छुट्टियों में आना जाना रहता है। दो साल पूर्व इनकी बेटी इशिता ने गांव के ही आलोक पांडेय के साथ प्रेम हो गया था। दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था, पति आलोक पांडेय गांव और आसपास पूजा पाठ कराते हैं। सोमवार की सुबह पति किसी काम से शहर गए थे। उस समय इशिता घर पर परिवार संग अपने दो माह की बच्ची के साथ थी। शाम को घर के भीतर साड़ी के फंदे से छत के चुल्ला से वह लटकी मिली थी। स्वजन आनन फानन में उसे अस्पताल ले गए, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।


 जानकारी होने पर मुंबई से मोर्चरी हाउस पर इशिता की मां राधिका सिंह, बहन और पिता पहुंचे। मां ने आरोप लगाया कि घटना के दिन भी बेटी से वीडियो काल पर बात हुई थी। उसे परिवार के लोगों ने मारापीटा था। उसने वीडियो काल में चोट के निशान दिखाए, उसके चेहरे में भी चोट के निशान थे। इशिता ने हत्या की आशंका अपनी मां से जताई थी। विवाहिता की मां ने उसके पति और उसके परिवार के लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। बहन ने भी आरोप लगाया कि घटना होने की सूचना पुलिस और गांव के लोगों से मिली बहन के ससुराल से किसी ने फोन करके इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं दी थी।