Sunday, 17 August 2025

आजमगढ़ मेहनगर साइबर जालसाजों ने नाबालिग को बनाया शिकार फेसबुक आईडी हैक कर उड़ाए 53 हजार रुपये


 आजमगढ़ मेहनगर साइबर जालसाजों ने नाबालिग को बनाया शिकार



फेसबुक आईडी हैक कर उड़ाए 53 हजार रुपये



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में साइबर अपराधों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मेंहनगर थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव में सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़की की फेसबुक आईडी हैक कर उसके बैंक खाते से 53,900 रुपये उड़ा लिए गए।


 पीड़िता निधि ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसके मोबाइल नंबर से फेसबुक आईडी बनाई गई थी। 11 और 12 अगस्त 2025 को साइबर अपराधियों ने आईडी हैक कर यूनियन बैंक खाते से चार ट्रांजेक्शन करते हुए कुल 53,900 रुपये निकाल लिए। घटना की जानकारी होने पर पीड़िता ने तुरंत मेंहनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई और रुपये वापस दिलाने की गुहार लगाई। थाना प्रभारी संजय सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़िता की तहरीर प्राप्त हुई है। साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही आरोपियों का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।

आजमगढ़ फूलपुर ऑपरेशन के बाद महिला की हुई मौत, परिजनों ने किया हंगामा पुलिस और क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों ने कथित तौर पर 2 लाख रुपये में करा दिया समझौता।


 आजमगढ़ फूलपुर ऑपरेशन के बाद महिला की हुई मौत, परिजनों ने किया हंगामा



पुलिस और क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों ने कथित तौर पर 2 लाख रुपये में करा दिया समझौता।




उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर निवासी माधुरी विश्वकर्मा उम्र 41 वर्ष, पत्नी संदीप विश्वकर्मा का फूलपुर कस्बे में स्थित यश्लोक अस्पताल व नर्सिंग होम में पित्त की थैली में पथरी के ऑपरेशन के कुछ देर बाद मृत्यु हो गई। परिजनों ने अस्पताल और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस और क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्तियों ने कथित तौर पर दो लाख रुपये में समझौता करा दिया।


जानकारी के अनुसार, माधुरी विश्वकर्मा को पित्त की थैली में पथरी की शिकायत थी, जिसके लिए 16 अगस्त 2025 को यश्लोक अस्पताल में डॉ. एम.जेड. सिद्दीकी द्वारा उनका ऑपरेशन शनिवार को 3 बजे करीब किया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ती गई, और रविवार तड़के चार बजे उनकी मृत्यु हो गई। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों और परिजनों का कहना है कि यश्लोक अस्पताल में अनुभवहीन डॉक्टर और कम्पाउंडरों की देखरेख में मरीजों का इलाज किया जाता है, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं। परिजनों ने यह भी बताया कि ऑपरेशन से पहले मरीज की पूरी जांच नहीं की गई, जिसके कारण जटिलताएं बढ़ीं।


घटना की सूचना पर फूलपुर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। परिजनों के अनुसार, पुलिस और स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने मिलकर दो लाख रुपये में समझौता करा दिया। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।


बताते चलें कि क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। फूलपुर तहसील मुख्यालय के आसपास कई निजी अस्पतालों में कथित तौर पर सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर अतिरिक्त फीस लेकर ऑपरेशन करते हैं। अनुभवहीन स्टाफ और अपर्याप्त जांच के कारण मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। इस बाबत फूलपुर पुलिस से जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।


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