Tuesday, 25 November 2025

आजमगढ़ 4 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा शादी में नाच गाने को लेकर हुआ था विवाद, प्रत्येक को 22.5 हजार रुपये का लगाया अर्थदण्ड


 आजमगढ़ 4 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा



शादी में नाच गाने को लेकर हुआ था विवाद, प्रत्येक को 22.5 हजार रुपये का लगाया अर्थदण्ड



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े बाइस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक जैनुद्दीन अंसारी ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा सूर्यभान निवासी निकासीपुर थाना दीदारगंज की लड़की की शादी 21 मई 2017 को थी। उस शादी में गांव के केदार यादव के लड़के तथा सूर्यभान के भतीजे ओमप्रकाश से नाच गाने के प्रोग्राम को लेकर विवाद हो गया था। 


इसी विवाद को लेकर 15 जून 2017 की सुबह सात बजे जब ओम प्रकाश, उनका लड़का अभिषेक,पत्नी निर्मला खेत में खाद फेंक रहे थे तब केदार यादव तथा उनके लड़के राधेश्याम, रघु तथा घनश्याम ने लाठी डंडा तथा टांगी से उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने अभिषेक की हत्या कर दिया तथा निर्मला को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अश्विनी कुमार राय ने कुल दस गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने सभी आरोपियों केदार,रघु, घनश्याम तथा राधेश्याम को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को साढ़े बाइस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।

आजमगढ़ देवगांव एसएसपी ने सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर भेजा जेल जेल भेजने और चार्जशीट के बदले मांगे 5000/ रुपये, प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज


 आजमगढ़ देवगांव एसएसपी ने सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर भेजा जेल



जेल भेजने और चार्जशीट के बदले मांगे 5000/ रुपये, प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा मारपीट के मुकदमे में त्वरित कार्रवाई के नाम पर वादी से 5 हजार रुपये रिश्वत मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकायत मिलते ही पुलिस महकमे ने तुरंत एक्शन लिया और आरोपी सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल भेज दिया। मारपीट के शिकार वादी आकाश चौहान (ग्राम मिर्जापुर, थाना देवगांव) ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी कि उनके मुकदमे की विवेचना कर रहे सब-इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद तीनों आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट दाखिल करने और जल्दी कार्रवाई करने के एवज में उनसे लगातार 5 हजार रुपये की अवैध राशि मांग रहे हैं। 


वादी ने पुरानी रंजिश में ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति व उसके साथियों द्वारा की गई मारपीट की घटना की एफआईआर थाना देवगांव में दर्ज कराई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया और क्षेत्राधिकारी लालगंज को निष्पक्ष जांच सौंपी। जांच में सब-इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तथा रिश्वत मांगने की शिकायत पूरी तरह सत्य पाई गई।


इसके बाद थाना देवगांव में मुकदमा संख्या 441/2025 अंतर्गत धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। आरोपी सब-इंस्पेक्टर को तुरंत निलंबित कर हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार व अवैध वसूली पर जीरो टॉलरेंस की नीति है और ऐसे किसी भी कर्मी के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।