आजमगढ़ जहानागंज मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को पुलिस ने चोरी के आरोप में भेजा जेल
परिजनों ने लगाया गलत कार्रवाई का आरोप
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद आजमगढ़ के थाना जहानागंज क्षेत्र के ग्राम पटहुआं निवासी अरविंद सिंह ने अपने 30 वर्षीय पुत्र जसवंत सिंह को पुलिस द्वारा गलत तरीके से चोरी के आरोप में जेल भेजे जाने का गंभीर आरोप लगाया है। अरविंद सिंह का दावा है कि उनका बेटा जसवंत मानसिक रूप से पूर्णतः विक्षिप्त है और वह किसी अपराध को अंजाम देने में सक्षम नहीं है।
अरविंद सिंह ने पुलिस उपमहानिरीक्षक, आजमगढ़ को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि 7 जून 2025 की सुबह जसवंत मानसिक स्थिति के कारण घर से निकलकर सड़क पर भटक रहा था। परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका पता नहीं चला। कुछ घंटों बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस उसे उठाकर ले गई है। थाने पर पूछताछ करने पर पहले पुलिस ने जसवंत के वहां होने से इनकार किया, लेकिन बाद में उसे चोर बताकर जेल भेजने की बात कही गई।
शिकायती पत्र के अनुसार, पुलिस ने जसवंत को तीन पुराने मुकदमों 18 मई 2025 (मु.अ.सं. 168/2025), 28 जनवरी 2025 (मु.अ.सं. 0031/2025), और 5 फरवरी 2025 (मु.अ.सं. 0044/2025)—में नामित अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया। ये सभी मामले चोरी और अन्य अपराधों से संबंधित थे, जो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज थे। अरविंद सिंह का कहना है कि उनके बेटे का इन मामलों से कोई संबंध नहीं है और न ही उसके नाम पर पहले कोई मुकदमा दर्ज था। उन्होंने पुलिस को जसवंत का डॉक्टरी प्रमाण पत्र भी दिखाया, जिसमें उसकी मानसिक विक्षिप्तता और विकलांगता प्रमाणित है, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया।
परिजनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अरविंद सिंह ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से अनुरोध किया है कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच कराकर उनके बेटे को न्याय दिलाया जाए।
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