Sunday, 2 November 2025

आजमगढ़ सिधारी पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक में लगी आग, मची अफरा-तफरी पंप कर्मियों की त्वरित सूझबूझ से आग पर पाया गया काबू, टला बड़ा हादसा


 आजमगढ़ सिधारी पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक में लगी आग, मची अफरा-तफरी


पंप कर्मियों की त्वरित सूझबूझ से आग पर पाया गया काबू, टला बड़ा हादसा



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के सिधारी थाना क्षेत्र के बैठौली पेट्रोल पंप के पास शनिवार रात्रि करीब 9 बजे अज्ञात कारणों से एक ट्रक में आग लग गई। आग की लपटें देखते ही पेट्रोल पंप पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों और पंप कर्मियों की त्वरित सूझबूझ से आग पर काबू पाया गया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।


 जानकारी के अनुसार, मेहनाजपुर थाना क्षेत्र के इस्माईलपुर निवासी दिव्यांश द्विवेदी का ट्रक बिहार बालू लादने जा रहा था। चालक शैलेश यादव ने आजमगढ़-मऊ मुख्य मार्ग पर स्थित बैठौली पेट्रोल पंप के पास ट्रक खड़ा कर पास के ढाबे पर भोजन करने चला गया। इसी दौरान ट्रक के केबिन में अचानक आग भड़क उठी। आग लगते ही पेट्रोल पंप कर्मियों और स्थानीय लोगों ने फायर सिलेंडर व पानी की मदद से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया। सूचना मिलते ही दमकल टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था। हालांकि, ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह जलकर क्षतिग्रस्त हो चुका था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट या कोई अन्य तकनीकी खराबी बताया जा रहा है, लेकिन स्पष्ट कारणों का पता अभी नहीं चल सका है। घटना से पेट्रोल पंप पर मौजूद लोगों में दहशत का माहौल रहा।

आजमगढ़ एसएसपी ने 13 शस्त्र लाइसेंस धारकों के लाइसेंस किया निरस्त-निलंबित अपराधियों की सूची जारी, पिस्टल से राइफल तक की गई जब्त जनपद की 11 थाना क्षेत्र में हुई कार्रवाई से मचा हड़कंप


 आजमगढ़ एसएसपी ने 13 शस्त्र लाइसेंस धारकों के लाइसेंस किया निरस्त-निलंबित


अपराधियों की सूची जारी, पिस्टल से राइफल तक की गई जब्त


जनपद की 11 थाना क्षेत्र में हुई कार्रवाई से मचा हड़कंप


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने और लोकशांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत 13 शस्त्र लाइसेंस धारकों के लाइसेंस निरस्त या निलंबित कर दिए गए हैं। ये व्यक्ति विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे, जिनके कारण आमजन में भय का माहौल पैदा हो रहा था। पुलिस का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों के पास हथियार रहना जनहित में नहीं है।


निरस्त या निलंबित किए गए लाइसेंस धारकों में विभिन्न थाना क्षेत्रों के निवासी शामिल हैं। इनके पास पिस्टल, रिवाल्वर, SBBL बंदूक, DBBL बंदूक और राइफल जैसे हथियार थे। पुलिस ने इनके खिलाफ पहले से दर्ज अपराधों का हवाला देते हुए कार्रवाई की है।


 प्रमुख नाम इस प्रकार हैं: दीपक कुमार राय (भैंसकुर, थाना बरदह) - पिस्टल, सत्यानंद सिंह (खरगपुर, थाना महराजगंज) - SBBL बंदूक, इनामुल हक (नोनारी, थाना सरायमीर) - DBBL बंदूक, राजेश राय (गड़ौरा मझौरा, थाना जीयनपुर) - SBBL बंदूक, पंकज कुमार सिंह (पठखौली नई बस्ती, थाना कोतवाली) - रिवाल्वर/पिस्टल, डॉ. अवधराज मिश्रा (देवगांव, थाना देवगांव) - SBBL बंदूक, अमरजीत यादव (चेवता, थाना कप्तानगंज) - SBBL बंदूक, श्यामा राम (जहानगंज, थाना जहानगंज) - SBBL बंदूक, संतोष सिंह (मसूरियापुर, थाना रौनापार) - SBBL बंदूक, सूर्यभान यादव उर्फ बहाने (बैजावारी, थाना रौनापार) - रिवाल्वर .32 बोर, लक्ष्मण यादव (खानपुर भगत पट्टी, थाना बिलरियागंज) - SBBL बंदूक, अबू सोफियान (बिलरियागंज, थाना बिलरियागंज) - SBBL बंदूक, फिरोज अहमद (पुरानूराम फूलपुर, थाना फूलपुर) - राइफल .315 बोर। ये कार्रवाई जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों जैसे बरदह, महराजगंज, सरायमीर, जीयनपुर, कोतवाली, देवगांव, कप्तानगंज, जहानगंज, रौनापार, बिलरियागंज और फूलपुर में की गई है। 


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने कहा, “जनपद में अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। जिनके पास शस्त्र होने से जनमानस की सुरक्षा को खतरा है, उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस का यह अभियान अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जारी रहेगा। इस कार्रवाई से आमजन में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।

आजमगढ़ बरदह खेल-खेल में चल गई गोली, युवक की मौत घर में कट्टा टेस्ट करते समय हुई घटना, एक दोस्त हिरासत में


 आजमगढ़ बरदह खेल-खेल में चल गई गोली, युवक की मौत


घर में कट्टा टेस्ट करते समय हुई घटना, एक दोस्त हिरासत में



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के बरदह थाना क्षेत्र के मुख्य कस्बे में बीती रात 22 वर्षीय अंकित गुप्ता की उसके घर में गोली लगने से मौत हो गई। अंकित अपने दो दोस्तों हेमंत राव और आलोक के साथ घर पर मौजूद था। इसी दौरान अवैध असलहा (कट्टा) से गोली चल गई, जो अंकित के सीने में लगी। दोनों दोस्त उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।


सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अंकित के दोस्त आलोक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। आलोक ने बताया कि वे दोनों लाइट लगाने का काम करते हैं और उन्हें एक कट्टा मिला था। उसे टेस्ट करने अंकित के घर आए थे, तभी दुर्घटनावश गोली चल गई। दूसरा दोस्त हेमंत फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। एसपी सिटी मधुबन कुमार सिंह ने घटना की पुष्टि की और जांच जारी बताया।

Saturday, 1 November 2025

सुल्तानपुर हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश सिंह ने खुद को मारी गोली 2008 की एलआईसी डकैती मामले में कोर्ट ने तय किए आरोप, 5 नवंबर को होना था फैसला 29 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी के बाद घर लौटा था आरोपी


 सुल्तानपुर हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश सिंह ने खुद को मारी गोली



2008 की एलआईसी डकैती मामले में कोर्ट ने तय किए आरोप, 5 नवंबर को होना था फैसला


29 अक्टूबर को कोर्ट में पेशी के बाद घर लौटा था आरोपी



उत्तर प्रदेश, सुल्तानपुर कूरेभार थाना क्षेत्र के गलिबहा गांव में शनिवार सुबह हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश सिंह (35) ने अपने घर में अवैध असलहे से सीने में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे, जहां दुर्गेश खून से लथपथ मृत अवस्था में पाया गया। वह अविवाहित था और तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके बड़े भाई अजय सिंह और राघवेंद्र सिंह हैं। दुर्गेश दो दिन पहले ही प्रदेश से बाहर से घर लौटा था।


घटनास्थल पर थानाध्यक्ष विजयंत मिश्रा पुलिस बल और फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। टीम ने साक्ष्य जुटाए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बल्दीराय सीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि मृतक पर गैंगेस्टर सहित कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है, जिसमें आत्महत्या के कारणों की भी पड़ताल शामिल है।


दुर्गेश 1 सितंबर 2008 को कादीपुर स्थित एलआईसी शाखा में हुई दिनदहाड़े डकैती का मुख्य आरोपी था। दोपहर करीब 12:30 बजे असलहों से लैस बदमाशों ने सुरक्षा गार्ड सत्य प्रकाश तिवारी की कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर बंदूक छीनी और शाखा में घुसकर 13 लाख 15 हजार रुपये लूट लिए थे। तत्कालीन प्रबंधक ईश्वर देव सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही थी।


29 अक्टूबर 2025 को कोर्ट में दुर्गेश की पेशी हुई, जहां आरोप तय किए गए। वह बाहर रह रहा था और पेशी के लिए घर आया था। कोर्ट से लौटने के बाद 5 नवंबर 2025 को फैसले की तारीख निर्धारित थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दबाव या अन्य कारणों से उसने यह कदम उठाया हो सकता है, लेकिन जांच जारी है।