Saturday, 22 November 2025

आजमगढ़ शहर कोतवाली अवैध असलहा फैक्ट्री मामले में पहुंची पुलिस, खंगाला पूरा घर जांच में हैरान करने वाली हकीकत आई सामने ड्रिल मशीन, कटर मशीन, हथौड़ी, रिंच, लोहे की आरी सहित उपकरण बरामद


 आजमगढ़ शहर कोतवाली अवैध असलहा फैक्ट्री मामले में पहुंची पुलिस, खंगाला पूरा घर



जांच में हैरान करने वाली हकीकत आई सामने


ड्रिल मशीन, कटर मशीन, हथौड़ी, रिंच, लोहे की आरी सहित उपकरण बरामद



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लछिरामपुर में कथित तौर पर चल रही “अवैध असलहा फैक्ट्री” की सूचना पूरी तरह निराधार और झूठी पाई गई है। न्यायालय के आदेश पर पत्नी रागिनी सिंह को ससुराल में प्रवेश दिलाने पहुंची पुलिस व जिला प्रोबेशन अधिकारी की टीम के सामने महिला ने अवैध हथियार बनाने का आरोप लगाया था, जिसके आधार पर मुकदमा भी दर्ज हुआ, लेकिन गठित पुलिस टीम की सघन जांच-पड़ताल में कोई भी असलहा, अर्द्ध-निर्मित हथियार या हथियार बनाने का उपकरण बरामद नहीं हुआ। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरे मकान की तलाशी ली। जांच के दौरान केवल निर्माणाधीन बाथरूम और मकान से संबंधित सामान मिला, जिसमें ड्रिल मशीन, कटर मशीन, हथौड़ी, रिंच, लोहे की आरी, प्लास, चुड़ी बनाने की मशीन, रेती और कटी हुई पाइप आदि शामिल है।


 पुलिस के अनुसार ये सभी सामान सामान्य प्लम्बिंग, इलेक्ट्रिक और मकान निर्माण के काम आते हैं। स्थानीय लोगों ने भी बताया कि उक्त मकान में सिर्फ 65 वर्षीय पार्वती देवी रहती हैं, कोई किरायेदार या फैक्ट्री नहीं चल रही है। पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल से पता चला है कि रागिनी सिंह और उनके पति कुंवर सत्येंद्र प्रताप सिंह के बीच लंबे समय से वैवाहिक विवाद चल रहा है। न्यायिक मजिस्ट्रेट (FTC महिला) ने 15 सितंबर 2025 को रागिनी सिंह को पति के घर में रहने का आदेश दिया था। आदेश के अनुपालन में जब 21 नवंबर को पुलिस और DPO टीम उन्हें घर में प्रवेश कराने पहुंची तो परिवार के सदस्यों ने विरोध किया और गाली-गलौज की। इसी दौरान रागिनी सिंह ने घरेलू सामान का वीडियो बनाकर उसे “अवैध असलहा फैक्ट्री” बताकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसकी पुलिस जांच में कोई पुष्टि नहीं हुई। 


घटना के संबंध में थाना कोतवाली में पांच लोग नामजद अभियुक्त हैं, जिनमें सत्येंद्र प्रताप सिंह, विक्रम सूर्यवंश सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, पार्वती सिंह और वनिशा सिंह (निशा) शामिल हैं। इनमें से अधिकांश अभियुक्तों का पहले से दहेज प्रताड़ना, मारपीट और अन्य आपराधिक मामलों में इतिहास रहा है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह पूरा प्रकरण पारिवारिक विवाद का हिस्सा है और अवैध असलहा फैक्ट्री का आरोप जानबूझकर लगाया गया ताकि परिवार को बदनाम किया जा सके। मामले की आगे की जांच जारी है।


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