आजमगढ़ बरदह नाबालिग लड़की पर अत्याचार की दिल दहलाने वाली घटना
शिक्षक और महिला कांस्टेबल ने पिटाई के बाद चिमटे से दागा, महिला कांस्टेबल लाइन हाजिर
शिक्षक की गलत नीयत ने तोड़ी मासूम की हिम्मत, पुलिस सिस्टम पर भी सवाल
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के बरदह थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय अनाथ किशोरी के साथ हुए अमानवीय अत्याचार ने समाज को स्तब्ध कर दिया है। यह घटना न केवल एक मासूम पर हुए जुल्म की कहानी बयान करती है, बल्कि उस व्यवस्था की विफलता को भी उजागर करती है जो पीड़ितों की बजाय आरोपियों को संरक्षण देती है।
पीड़िता, जो अपने दो भाइयों के साथ गरीबी में जीवन बिता रही थी, कस्बे के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सदाशिव तिवारी के घर बर्तन धोने का काम करती थी। सदाशिव के एक मकान में महिला कांस्टेबल रीना द्विवेदी अपने पति के साथ किराए पर रहती थी। किशोरी ने आरोप लगाया कि शिक्षक की उस पर गलत नीयत थी। विरोध करने पर उसने काम छोड़ दिया, जिसके बाद शिक्षक ने बदला लेने की साजिश रची।
शनिवार को शिक्षक ने किशोरी को चोरी के झूठे आरोप में अपने घर बुलाया और बंधक बना लिया। किशोरी का भाई उसे बचाने पहुंचा, लेकिन दो सिपाहियों ने उसे थाने ले जाकर हिरासत में रखा। इसके बाद शिक्षक सदाशिव, कांस्टेबल रीना और उनके पति ने मिलकर किशोरी को रातभर बेरहमी से पीटा और गर्म चिमटे से कई बार दागा। उसकी चीखें अनसुनी रह गईं।
रविवार को रीना किशोरी को थाने ले गई, जहां जबरन समझौता करवाकर उसे छोड़ दिया गया। लेकिन किशोरी ने हिम्मत नहीं हारी और सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। एसपी के निर्देश पर बरदह पुलिस ने सदाशिव तिवारी, रीना द्विवेदी और उनके पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। किशोरी को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है।
सीओ लालगंज भूपेश पांडेय ने बताया कि महिला कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है और मामले की जांच जारी है। यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर सवाल उठाती है कि आखिर कब तक मासूमों पर अत्याचार होता रहेगा और कब तक सिस्टम पीड़ितों की आवाज को दबाने की कोशिश करेगा?
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