Friday, 18 April 2025

आजमगढ़ पीसीएस की तैयारी व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतना महिला सिपाही का लक्ष्य परिवार का भरोसा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रोत्साहन व सहयोग से मिली सफलता, शिरीना बानो


 आजमगढ़ पीसीएस की तैयारी व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतना महिला सिपाही का लक्ष्य



परिवार का भरोसा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रोत्साहन व सहयोग से मिली सफलता,  शिरीना बानो



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना द्वारा बुधवार को 24वीं प्री यूपी स्टेट शूटिंग प्रतियोगिता में 10 मीटर एयर पिस्टल के महिला वर्ग के प्रतियोगिता में स्टेट स्तर पर कांस्य पदक जीतने वाली महिला आरक्षी शिरीना बानो को सम्मानित करने के साथ-साथ प्रोत्साहन भी दिया। इस मौके पर एसएसपी ने विजयी खिलाड़ी को उज्ज्वल भविष्य के कामना के साथ आगे और भी पदक लाने की बात कही। 


इस विषय में आरक्षी शिरीना बानो ने बताया कि यह पदक माता-पिता व परिवार के भरोसे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रोत्साहन व सहयोग से जीतने में सफल रही। सिपाही शिरीना ने बताया कि इस समय मैं आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात हूं। मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के कुण्डा तहसील क्षेत्र के डेरवा गांव के सामान्य मुस्लिम परिवार में पैदा शिरीना छ: भाई बहनों में दो भाई व दो बहन से छोटी सिपाही शिरीना ने बताया कि उसकी चार बहनों में से तीन बहनें स्रातक तक की पढ़ाई की हैं। बात-चीत में शिरीना ने कहा कि समाज में लड़कियों को लेकर अभी भी कुछ विसंगतियां हैं लेकिन अभी भी सामान्य मुस्लिम परिवार में पैदा होने के बाद भी माता-पिता व परिवार के भरोसे के कारण ही यहां तक पहुंच पाई हूं। पिता मो0 नईन व माता के सकारात्मक सहयोग को अपनी सफलता का सबसे बड़ी कुंजी बताया।


 सिपाही शिरीना बानो ने कहा कि मेरी सफलता में माता-पिता व हमारे अधिकारियों के साथ पीएस शूटिंग अकादमी के कोच रितीक सिंह का काफी सहयोग है। ड्यूटी के बीच पढ़ाई और शूटिंग के सामंजस्य के बारें में शिरीना बानो ने कहा कि अगर समय सारिणी निर्धारण कर कार्य किया जाए तो ड्यूटी, पढ़ाई व शूटिंग तीनों के बीच सामंजस्य बिठाया जा सकता है। 


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ हेमराज मीना के साथ महिला आरक्षी शिरीना बानो


शिरीना ने बताया कि उनका सपना है कि पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश व परिजनों के साथ विभाग का नाम रोशन करें। शिरीना बानो ने अपने गांव देहात के साथ परिवार की पहली सरकारी नौकरी करने वाली सदस्य बनकर यह भी संदेश दिया कि अगर माता-पिता व परिजनों का सहयोग मिले तो उसके समाज की लड़कियां भी नौकरी के साथ-साथ देश व समाज का नाम रोशन कर सकतीं हैं।

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