बाराबंकी हंगामे के बाद चौकी में तोड़फोड़
पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के गदिया स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता के चल रहे पाठ्यक्रमों को लेकर सोमवार को छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी परिसर में जमकर हंगामा किया। दिनभर चले धरना-प्रदर्शन और अराजकता के बीच पुलिस लाठीचार्ज में करीब 24 लोग घायल हो गए, जिनमें से आठ को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
छात्रों का आरोप है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता न होने के बावजूद यूनिवर्सिटी में एलएलबी, बीबीए एलएलबी और बीए एलएलबी जैसे पाठ्यक्रमों में अवैध तरीके से प्रवेश लिया जा रहा है और कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस मुद्दे पर कई दिनों से आंदोलनरत छात्रों ने सोमवार सुबह यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान लखनऊ और आसपास के जिलों से एबीवीपी कार्यकर्ता भी समर्थन में पहुंचे।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी का मुख्य गेट बंद कर आवागमन रोक दिया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों के साथ उनकी तीखी झड़प हुई। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को खदेड़ा। इससे नाराज कुछ छात्रों ने गदिया पुलिस चौकी पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए। जवाब में पुलिस ने छात्रों को दौड़ाकर पीटा, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
मौके पर पहुंचे सीओ सिटी हर्षित चौहान ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए छात्रों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन असफल रहने पर पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया। इससे गुस्साए छात्रों ने चौकी पर तोड़फोड़ की। यूनिवर्सिटी में एएसपी समेत तीन सीओ और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। देर रात एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में डीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
छात्रों का कहना है कि बिना मान्यता के कोर्स चलाना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से इन पाठ्यक्रमों को बंद करने और मान्यता प्राप्त करने की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं।